कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने अमेरिका के द्वारा लगाए गए आरोप के बाद खालिस्सतानी आतंकी निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंटों की संभावित संलिप्तता की बात को दोहराया है।
उन्होंने बुधवार को कहा कि अमेरिका का आरोप है कि भारत सरकार के एक अधिकारी ने अमेरिकी धरती पर एक खालिस्तानी आतंकवादी की हत्या की असफल साजिश रची थी।
इस आरोप के बाद भारत को कनाडा के द्वारा लगाए गए इसी तरह के आरोपों को गंभीरता से लेने की आवश्यकता है।
अमेरिकी न्याय विभाग ने बुधवार को कहा था कि एक 52 साल के एक व्यक्ति ने भारत सरकार के एक कर्मचारी के साथ काम किया था। सुरक्षा और खुफिया जानकारी देना उनका काम था।
उन्होंने अलग खालिस्तान की मांग करने वाले एक न्यूयॉर्क के निवासी की हत्या की साजिश रची थी। ट्रूडो ने ओटावा में कहा, “संयुक्त राज्य अमेरिका से आ रही खबरें इस बात को और रेखांकित करती हैं कि हम शुरू से ही किस बारे में बात कर रहे हैं। यानी कि भारत को इसे गंभीरता से लेने की जरूरत है।”
अमेरिका के ये आरोप कनाडा के यह कहने के लगभग दो महीने बाद आए हैं कि जून में वैंकूवर में खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंटों के शामिल होने के विश्वसनीय आरोप थे। भारत ने उस आरोप को ख़ारिज कर दिया है।
खालिस्तान समर्थक आतंकी को मारने के षड्यंत्र की जांच होगी
आतंकी गुरुपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की कथित साजिश से जुड़े मामले में भारत ने अमेरिकी चिंताओं के बीच एक उच्चस्तरीय जांच समिति गठित की है।
ब्रिटेन के अखबार में समाचार प्रकाशित होने के बाद विदेश मंत्रालय ने इस बारे में एक बयान दिया है। इसमें कहा गया है कि समिति के निष्कर्षों के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
दरअसल, पश्चिमी देशों की मीडिया में इस बाबत एक रिपोर्ट आई थी, जिसमें कहा गया था कि अमेरिका में पन्नू की हत्या की साजिश रची गई।
इसमें भारतीयों की संलिप्ता की बात कही गई थी। रिपोर्ट में यह भी कहा गया था कि अमेरिका ने द्विपक्षीय सुरक्षा सहयोग वार्ता के दौरान इस मुद्दे को विगत 18 नवंबर को भारत के समक्ष भी उठाया था।
बुधवार को मीडिया के सवाल के जवाब में विदेश मंत्रालय के आधिकारिक प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि हम पहले ही कह चुके हैं कि द्विपक्षीय सुरक्षा सहयोग पर अमेरिका के साथ चर्चा के दौरान, अमेरिकी पक्ष ने संगठित अपराधियों, बंदूक चलाने वालों, आतंकवादियों और अन्य लोगों के बीच सांठगांठ से संबंधित कुछ इनपुट साझा किए थे।
उन्होंने कहा कि हमने यह भी संकेत दे दिया था कि भारत ऐसे इनपुट को गंभीरता से लेता है क्योंकि वे हमारे राष्ट्रीय सुरक्षा हितों पर भी प्रभाव डालते हैं, और संबंधित विभाग पहले से ही इस मुद्दे की जांच कर रहे थे।
इस संदर्भ में बताया गया है कि 18 नवंबर 2023 को भारत सरकार ने मामले के सभी प्रासंगिक पहलुओं की जांच के लिए एक उच्चस्तरीय जांच समिति का गठन किया था।
आपको बता दें कि इससे पहले भी इसी प्रकार के एक मुद्दे को लेकर भारत-कनाडा के संबंधों में भी तनातनी आ गई थी। कनाडा ने खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के लिए भारतीय एजेंसियों पर आरोप लगाया था।
भारत सरकार ने इसका हालांकि खंडन किया था। कहा था कि कनाडा सरकार इस मामले में ठोस सबूत पेश नहीं कर पाई है।