भारत और कनाडा के बीच संबंधों में कड़वाहट अब भी कायम है। ऑस्ट्रेलियाई विदेश मंत्री से बातचीत के दौरान भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने उनसे भी इसका जिक्र किया।
बता दें कि कनाडा और ऑस्ट्रेलिया के संबंध काफी अच्छे हैं। ऐसे में ऑस्ट्रेलियाई विदेश मंत्री वोंग के सामने कनाडा की करतूतों का जिक्र करना काफी अहम हो सकता है।
जयशंकर ने वोंग के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन के दौरान कहा कि हमारे नजरिये से वास्तव में अहम मुद्दा वह छूट है जो कनाडा में चरमपंथ और कट्टरपंथ को दी जा रही है।
कनाडा ने लगाया है आरोप
जयशंकर ने कहाकि ऑस्ट्रेलिया का भारत एवं कनाडा के साथ अच्छा एवं मजबूत संबंध है। उन्होंने कहाकि इसलिए जरूरी है कि आस्ट्रेलिया को इस मुद्दे पर हमारा परिप्रेक्ष्य पता चले।
ब्रिटिश कोलंबिया में 18 जून को हुई खालिस्तानी अलगाववादी निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंटों की ‘संभावित’ संलिप्तता का ट्रूडो द्वारा आरोप लगाये जाने के बाद भारत एवं कनाडा के बीच संबंधों में बड़ा तनाव आ गया है।
भारत ने 2020 में निज्जर को आतंकवादी घोषित किया था। भारत ने ट्रूडो के आरोप को ‘बकवास’ एवं ‘राजनीति से प्रेरित’ करार देकर खारिज कर दिया।
नहीं मिले हैं सबूत
कनाडाई संसद में ट्रूडो द्वारा आरोप लगाये जाने के बाद से भारत एवं कनाडा ने एक दूसरे के एक-एक वरिष्ठ राजनयिक को निष्कासित कर दिया। भारत ने यहां कनाडाई मिशनों में राजनयिक उपस्थिति में ‘समता’ पर जोर डाला , फलस्वरूप 41 राजनयिक कनाडा वापस बुला लिये गये।
भारत ने कहा है कि कनाडा ने ट्रूडो के दावे के समर्थन में कोई सबूत नहीं दिया है। जयशंकर ने पिछले सप्ताह ब्रिटेन में कहा था कि यदि आपके पास ऐसे आरोप लगाने की वजह है तो कृपया, हमारे साथ सबूत साझा कीजिए।
हम जांच से इनकार नहीं कर रहे हैं, हम कुछ भी (सबूत) मिलने का इंतजार कर रहे हैं जो उन्हें संभवत: देना है। उन्होंने अब तक ऐसा नहीं किया है।