प्रवीण नांगिया (ज्योतिष सलाहकार):
हिंदू धर्म के अनुसार, हर साल कार्तिक मास के चतुर्दशी को छोटी दिवाली मनाई जाती है।
इस साल नरक चतुर्दशी या छोटी दिवाली इस साल 11 नवंबर 2023, शनिवार को है। मान्यता है कि नरक चतुर्दशी के दिन भगवान कृष्ण से नरकासुर नामक राक्षस का वध करके करीब 16 हजार महिलाओं को मुक्त कराया था।
इसलिए इस दिन को दीये जलाकर मनाया जाता है। इसके साथ ही इस दिन यमदेव के लिए दीपक जलाकर परिवार की कुशलता की कामना करते हैं।
नरक चतुर्दशी 2023 शुभ मुहूर्त: चतुर्दशी तिथि 11 नवंबर 2023 को दोपहर 1 बजकर 57 मिनट से प्रारंभ होगी और 12 नवंबर 2023 को दोपहर 02 बजकर 44 मिनट पर समाप्त होगी।
नरक चतुर्दशी का महत्व क्या है: धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, चतुर्दशी व्रत रखने वालों के स भी पाप मिट जाते हैं। इस दिन निराहार रहकर व्रत किया जाता है। शाम के समय व्रत का पारण किया जाता है।
नरक चतुर्दशी अभ्यंग स्नान मुहूर्त – 05:27 ए एम से 06:40 ए एम तक
अवधि – 01 घंटा 13 मिनट
काली चौदस पूजा मुहूर्त – 11:38 पी एम से 12:31 ए एम, नवम्बर 12
अवधि – 00 घण्टे 53 मिनट्स
नरक चतुर्दशी के दिन कितने दीये जलाए जाते हैं: नरक चतुर्दशी के दिन 14 दीये जलाए जाते हैं। एक दीया सरसों के तेल का शाम के समय घर के मुख्य द्वार पर जलाया जाता है।
नरक चतुर्दशी के दिन दीपक को कैसे जलाएं: शास्त्रों के अनुसार, नरक चतुर्दशी के दिन यम के नाम के दीपक जलाने की परंपरा है। इस दिन चौमुखा दीपक बनाकर घर की महिलाएं रात के समय तिल या सरसों का तेल डालकर चार बत्तियों वाला दीपक जलाती हैं।
नरक चतुर्दशी के दिन क्या नहीं करना चाहिए: नरक चतुर्दशी पर मृत्यु के देवता यमराज की पूजा की जाती है। इसलिए इस दिन किसी भी जीव को नहीं मारना चाहिए। इसके साथ ही घर की दक्षिण दिशा को गंदा नहीं करना चाहिए।
नरक चतुर्दशी में किसकी पूजा होती है: नरक चतुर्दशी के दिन भगवान श्रीकृष्ण, यमराज और धन की देवी लक्ष्मी की पूजा की जाती है। नरक चतुर्दशी के अगले दिन अमावस्या को दीवाली मनाई जाती है।