मराठा आरक्षण आंदोलन ने महाराष्ट्र के कई जिलों में हिंसक रूप ले लिया है।
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने इस मामले में राज्यपाल रमेश बैस से मुलाकात की और उन्हें स्थिति और अराजकता को रोकने के लिए उठाए जा रहे सुरक्षा उपायों के बारे में जानकारी दी।
हिंसा के बाद एहतियात के तौर पर बीड, धाराशिव और जालना इलाकों में इंटरनेट सेवाएं निलंबित कर दी गई हैं। सीएम शिंदे ने इस मामले में आज सर्वदलीय बैठक बुलाई है।
मराठा आंदोलन को लेकर उद्धव ठाकरे गुट यूबीटी के नेता संजय राउत ने सीएम शिंदे के प्रति नाराजगी जाहिर की है। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र जल रहा है और उनकी बेशर्म राजनीति जारी है। राउत ने सर्वदलीय बैठक में उद्धव गुट के सांसदों और विधायकों को आमंत्रित नहीं करने का आरोप लगाया है।
महाराष्ट्र के कई हिस्सों में मराठा आरक्षण की मांग तेज पकड़ने लगी है। बीड जिले में सरकार ने सुरक्षा कारणों से इंटरनेट सेवाएं निलंबित कर दी हैं। कई विधायकों और सांसदों के घरों और कार्यालयों में आगजनी के बाद सीएम एकनाथ शिंदे समेत दोनों डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। इस बीच मंगलवार को सीएम शिंदे ने मराठा कोटा के आंदोलनरत कार्यकर्ता मनोज जारांगे को आश्वासन दिया कि राज्य सरकार मराठा समुदाय के लिए आरक्षण सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है और उनसे शांति की अपील की।
शिंदे पर भड़के राउत
महाराष्ट्र में शिवसेना (यूबीटी) सांसद संजय राउत का कहना है कि मराठा आरक्षण पर महाराष्ट्र सरकार द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में उनकी पार्टी के सांसदों और विधायकों को आमंत्रित नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा बुलाई गई बैठक में केवल महाराष्ट्र विधान परिषद में विपक्ष के नेता अंबादास दानवे को बुलाया गया।
राउत ने ट्वीट में लिखा, “इस सरकार का क्या करें? भले ही महाराष्ट्र जल रहा हो, लेकिन उनकी बेशर्म राजनीति जारी है।’ मराठा आरक्षण पर मुख्यमंत्री ने सर्वदलीय बैठक बुलाई है लेकिन उस बैठक में शिवसेना को नहीं बुलाया गया। शिवसेना के पास 16 विधायक और 6 सांसद हैं। मामला सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है। जिनके पास एक विधायक है उन्हें निमंत्रण दिया है। जिनके पास कोई विधायक नहीं है उन्हें भी निमंत्रण है। ठीक है हमें मनपण नहीं चाहिए, लेकिन सवाल हल करो। जारांगे पाटिल की जान बचाएं। हिसाब-किताब का समय नजदीक आ रहा है। जय महाराष्ट्र!”