फिलिस्तीनी आतंकवादी गुट हमास गाजा में बंधक बनाए गए लोगों की रिहाई के लिए इजरायली सरकार से समझौता करने वाली थी लेकिन, समूह के प्रवक्ता ने आरोप लगाया कि इजरायल ने उस संभावना पर भी रोक लगा दी है।
इज़ अल-दीन अल-क़सम ब्रिगेड के प्रवक्ता अबू उबैदा ने एक वीडियो भाषण में यह भी कहा कि समूह अपने सभी बंधकों को तभी रिहा करेगा जब इज़रायल सभी फिलिस्तीनी कैदियों को रिहा कर देगा।
इस मसले पर पहली बार इजरायली पीएम बेंजामिन नेतन्ताहू का रिएक्शन आया है।
इजरायल के साथ 7 अक्टूबर से जारी हिंसा के बीच हमास में दूसरे नंबर के नेता याह्या सिनवार ने पहली बार सार्वजनिक बयान दिया। शनिवार को एक संबोधन में उन्होंने कहा कि हम इजरायली बंधकों को छोड़ने के लिए तैयार हैं, बशर्ते इजरायल अपनी कैद में रखे फिलिस्तीनियों को आजाद कर दे। इजरायल ने इस मांग को अभी तक स्वीकार नहीं किया है।
नेतन्याहू ने क्या कहा
हमास ने दूसरी बार इजरायल के सामने यह शर्त रखी है। इस मामले में शनिवार को एक प्रेसवार्ता में बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि हमने इस मु्द्दे को युद्ध कैबिनेट के समक्ष रखा है।
नेतन्याहू ने सिर्फ यही कहा कि इसका उल्टा असर हो सकता है। इससे ज्यादा उन्होंने इस मामले में टिप्पणी नहीं की। नेतन्याहू ने यह जरूर ऐलान किया कि गाजा पट्टी में इजरायली सेना का दूसरे चरण का अभियान शुरू हो चुका है।
इजरायल और हमास की जंग में हजारों लोग मारे जा चुके हैं। गाजा स्वास्थ्य अधिकारियों के मुताबिक, गाजा में 7700 लोग इजरायली हमले में मारे जा चुके हैं।
गाजा में बंधकों की बचने की संभावना क्यों हो रही कम
गाजा में हमास द्वारा बंधक बनाए गए लोगों के बचने की संभावना लगातार कम होती जा रही है। ऐसा इसलिए क्योंकि हमास को नेस्तनाबूत करने के लिए इजरायली सेना आईडीएफ पूरी ताकत के साथ गाजा पट्टी पर हमले कर रही है।
लगातार बम वर्षा से हमास आतंकियों के अलावा इजरायली बंधकों के भी मारे जाने की संभावना है। हमास युद्ध के बीच दावे करता रहा है कि इजरायली सेना के हमले में बंधक भी मारे जा रहे हैं।
कुल मिलाकर हमास पर ताबड़तोड़ हमलों के बावजूद इजरायली सेना अपने ही देश में आलोचना झेल रही है।
उधर, हमास के राजनीतिक नेता इजरायली नागरिकों की स्वतंत्रता को सुरक्षित करने के लिए मध्यस्थों मिस्र और कतर के साथ बातचीत कर रहे हैं। अब तक चार बंधकों को रिहा किया जा चुका है।
बंधकों को कैसे छुड़ाएगी सेना
इज़रायल की सरकार ने अभी तक यह नहीं बताया है कि हमास के चंगुल से बचने के लिए उसके लोगों का बचाव अभियान कैसे और कब शुरू किया जाएगा।
शनिवार देर रात एक टेलीविज़न संबोधन में, प्रधान मंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने बंधकों के परिवारों की पीड़ा को स्वीकार किया और वादा किया कि उनकी रिहाई हमास को नष्ट करने के अपने लक्ष्य के बराबर है।
बंधकों के परिवारवालों से मिले नेतन्याहू
हमास के बंधकों को लेकर चिंता शनिवार को चरम पर पहुंच गई, जब इज़रायल ने अपना हवाई अभियान तेज कर दिया और भारी गोलाबारी के साथ गाजा में सेना भेज दी।
इससे इजरायल में ही गुस्साई भीड़ ने तेल अवीव में इज़रायल के रक्षा मंत्रालय के बाहर विरोध प्रदर्शन किया और मांग की कि नेतन्याहू उनके प्रियजनों पर ध्यान दें।
इस प्रदर्शन ने काम किया और नेतन्याहू ने शनिवार को बंधकों के परिवारों से मुलाकात की और “उन्हें घर लाने के लिए हर संभव प्रयास करने” की कसम खाई। रक्षा मंत्री योव गैलेंट ने आज बंधकों के घरवालों से मिलने का वादा किया है।
अदला-बदली में इजरायल का इतिहास
इजरायल का कैदियों की असंतुलित अदला-बदली पर सहमत होने का एक लंबा इतिहास रहा है। 2011 में, इसने एक सैनिक गिलाद शालिट के बदले में 1,000 से अधिक कैदियों को रिहा कर दिया था।
हमास आतंकियों पर गिलाद का अपहरण कर गाजा पट्टी में बंधक बनाने का आरोप लगा था।