इजारयल और हमास में जारी युद्ध के बीच तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैय्यब एर्दोगन ने पश्चिमी देशों को क्रूसेड युद्ध की धमकी दे डाली है।
उन्होंने कहा कि गाजा में फिलिस्तीनियों की हत्या के पीछे पश्चिमी देशों का सीधा हाथ है। बता दें कि तुर्की आज से नहीं बल्कि दो दशकों से फिलिस्तीनियों का समर्थन करता रहा है।
बता दें कि इजरायल ने गाजा में दूसरे चरण का युद्ध शुरू कर दिया है और अपनी सेनाओं को जमीनी हमले के लिए उतार दिया है। उसे अमेरिका, यूके समेत कई पश्चिमी देशों का समर्थन प्राप्त है। ऐसे में ईरान और तुर्की पश्चिमी देशों को धमकी दे रहे हैं।
बता दें कि 7 अक्टूबर को हमास के आतंकियों ने इजरायल में हमला करके कम से कम 1400 लोगों को मार दियाथा। इसके बाद इजरायल ने गाजा और वेस्ट बैंक में हमले शुरू कर दिए।
गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक अब तक 7703 फिलिस्तीनी मारे गए हैं जिनमें 3500 बच्चे ही हैं। एर्दोगन की पार्टी ने इंस्तांबुल में फिलिस्तीन के समर्थन में रैली की जिमें 15 लाख लोग शामिल हुए। एर्दोगन ने इस रैली के दौरान कहा, इस नरसंहार के पीछे पश्चिमी देशों का हाथ है।
इंस्तांबुल में फिलिस्तीन के समर्थन में महारैली
एर्दोगन ने कहा, अगर हम कुछ देशों को छोड़ दें तो गाजा में हुए नरसंहार के पीछे पश्चिमी देश ही जिम्मेदार हैं। यह सच है कि सभी देशों को आत्मरक्षा का अधिकार होता है लेकिन इसमें न्याय कहां हो रहा है। एर्दोगन ने कहा कि अगर गाजा में नरसंहार नहीं रुका तो एक बार फिर क्रूसेड युद्ध शुरू हो जाएगा।
उन्होंने कहा कि एक तरफ ये देश यूक्रेन में मारे जा रहे लोगों पर आंसू बहा रहे थे तो दूसरी तरफ गाजा में हो रहे नरसंहार के लिए आंख मूंद चुके हैं।
इजरायल अपने साथियों के साथ मिलकर क्रूसेड युद्ध जैसा माहौल बना रहा है। वह मुस्लिमों के विरोध में ईसाइयों को एकजुट करना चाहता है।
क्या है क्रूसेड युद्ध का इतिहास
बता दें कि जिस क्रूसेड युद्ध की बात एर्दोगन ने की है वह 1095 ईसवी से 1291 के बीच यरुशलम को लेकर ही चला था। येरुशलम को इस्लाम के मानने वाले भी पवित्र मानते हैं और ईसाई भी।
ईसाइयों ने इस पवित्र भूमि में ईसा मसीह की समाधि पर अधिकार करने के लिए मुसलमानों से सात बार युद्ध लड़े। इसे ही क्रूसेड युद्ध कहा जाता है। हिंदी में अगर इसका अर्थ समझना हो तो इसे धर्म युद्ध भी कहा जा सकता है।
ईसाइयों की पुस्तकों में इस युद्ध को ईसा के लिए लड़ा गया युद्ध बताया जाता है। जब फिलिस्तीन ने येरुशलम पर कब्जा कर लिया तो ईसाइयों ने एकजुट होकर युद्ध का ऐलान कर दिया।
सात युद्ध लड़े गए जिसमें लाखों लोग मारे गए। कहानियों ममें बताया जाता है कि इस युद्ध में ब च्चों तक ने भाग लिया था। यह युद्ध वहीं हुआ जहां आज इजरायल बसा हुआ है।