भारत ने शनिवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) में जॉर्डन द्वारा पेश किए गए मसौदा प्रस्ताव पर मतदान करने से परहेज किया। इसमें इजरायल-हमास युद्ध को मानवीय सहायता के लिए तत्काल संघर्ष विराम का आह्वान किया गया था।
भारत ने इसलिए इस मसौदे पर मतदान से परहेज किया, क्योंकि इसमें आतंकवादी समूह हमास का कोई उल्लेख नहीं किया गया था।
इस मसौदे में गाजा पट्टी में निर्बाध मानवीय सहायता का आह्वान किया गया था। इसे बांग्लादेश, मालदीव, पाकिस्तान, रूस और दक्षिण अफ्रीका सहित 40 से अधिक देशों का समर्थन मिला।
भारत के अलावा, इस मतदान से गैरहाजिर रहने वाले देशों में ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, जर्मनी, जापान, यूक्रेन और यूके शामिल थे। आपको बता दें कि इस प्रस्ताव को भारी बहुमत से अपनाया गया। 1
20 देशों ने इसके पक्ष में मतदान किया। 14 इसके खिलाफ थे। वहीं, 45 देशों ने मतदान नहीं किया।
प्रस्ताव में संसोधन भी किए गए। इसमें एक पैराग्राफ डालने के लिए कहा गया, जिसमें कहा गया कि ”महासभा 7 अक्टूबर 2023 को इजरायल में हुए हमास के आतंकवादी हमलों और बंधक बनाने की घटना को स्पष्ट रूप से खारिज करती है और निंदा करती है। बंधकों के साथ मानवीय व्यवहार हो और उनकी तत्काल और बिना शर्त रिहाई सुनिश्चित की जाए।”
भारत ने 87 अन्य देशों के साथ संशोधन के पक्ष में मतदान किया, जबकि 55 सदस्य देशों ने इसके खिलाफ मतदान किया और 23 अनुपस्थित रहे।