नेपाल में रविवार की सुबह रिक्टर पैमाने पर 6.1 तीव्रता के आये शक्तिशाली भूकंप के झटकों के कारण राजधानी काठमांडू दहल गया। भूकंप के कारण करीब 20 मकान क्षतिग्रस्त हो गये।
भूकंप और इसके बाद आये झटकों से लोगों में दहशत फैल गयी और 2015 में आये भूकंप का वह मंजर याद करा दिया, जिसमें करीब 9000 लोगों की मौत हो गयी थी।
राष्ट्रीय भूकंप निगरानी एवं अनुसंधान केंद्र के अनुसार, सुबह सात बजकर 39 मिनट पर आए भूकंप का केंद्र धाडिंग जिले में था।
स भूकंप में किसी के हताहत होने की जानकारी नहीं है। भूकंप के झटके बागमती और गंडकी प्रांतों के अन्य जिलों में भी महसूस किए गए।
मीडिया में आयी खबरों के अनुसार, इसमें किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है, लेकिन जिले के कई हिस्सों में भूस्खलन की खबरें हैं।
खबरों के अनुसार, काठमांडू से 90 किलोमीटर पश्चिम में स्थित धाडिंग जिले के ज्वालामुखी देहात नगरपालिका में 20 मकान क्षतिग्रस्त हो गए और 75 अन्य मकानों में दरारें आ गईं।
सुबह आये भूकंप के बाद रविवार की दोपहर बाद धाडिंग में तीन और झटके महसूस किये गये, जिनकी तीव्रता रिक्टर पैमाने पर चार से अधिक मापी गयी ।
राष्ट्रीय भूकंप निगरानी केंद्र के अनुसार धाडिंग जिले में इनका केंद्र था और इनकी तीव्रता 5.1, 5 और 4.1 मापी गयी । पूर्व वार्ड अध्यक्ष कृष्णा प्रसाद कापरी ने बताया कि भूकंप से हुई क्षति का आकलन जारी है।
स्थानीय निवासी राजेश अधिकारी ने बताया कि चार से अधिक तीव्रता वाले भूकंप के लगातार झटकों के कारण लोग अपने घरों से बाहर ही रहे।
जिला पुलिस कार्यालय के सूचना अधिकारी और पुलिस उपाधीक्षक संतुलाल प्रसाद जैसवार ने बताया कि भूकंप के कारण क्षतिग्रस्त हुए मकानों की विस्तृत जानकारी अभी एकत्र की जा रही है।
भूकंप माप केंद्र के अनुसार, सुबह आठ बजकर आठ मिनट पर 4.3 तीव्रता, सुबह आठ बजकर 28 मिनट पर 4.3 और आठ बजकर 59 मिनट पर 4.1 तीव्रता के झटके महसूस किये गये ।
भूकंप और इसके बाद लगातार आए झटकों से लोगों में दहशत फैल गई। नेपाल में अक्सर भूकंप आते रहते हैं।
दरअसल नेपाल उस पर्वत शृंखला पर स्थित है, जहां तिब्बती और भारतीय टेक्टोनिक प्लेट मिलती हैं और ये हर सदी में एक-दूसरे के तकरीबन दो मीटर पास खिसकती जाती हैं, जिसके परिणामस्वरूप दबाव उत्पन्न होता है और भूकंप आते हैं।
इससे पहले नेपाल के सुदूर पश्चिम प्रांत में 16 अक्टूबर को 4.8 तीव्रता का भूकंप आया था। नेपाल में 2015 में 7.8 तीव्रता के भूकंप और उसके बाद आए झटकों के कारण लगभग 9,000 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 22000 अन्य घायल हो गये थे।
इस भूकंप के कारण 35 लाख लोग बेघर हो गये थे । आपदा के बाद सरकार की एक आकलन रिपोर्ट में कहा गया है कि भूकंप के लिहाज से नेपाल दुनिया का 11वां संवेदनशील देश है।