कनाडा ने अपने 41 राजनयिकों को भारत से वापस बुलाय लिया है। साथ ही अपने नागरिकों के लिए कनाडा विरोधी विरोध प्रदर्शन और धमकी की चेतवनी भी जारी की है।
कनाडाई विदेश मंत्री मेलानी जॉली ने भारत के अल्टीमेटम के कारण कि राजनयिक वापस लौट रहे हैं। अगर वे शुक्रवार के बाद भारत में रुके तो उनको मिली राजनयिक छूट छीन ली जाएगी।
साथ ही उन्होंने अपने नागरिकों को यह भी सूचित करने के लिए कहा है कि “बेंगलुरु, चंडीगढ़ और मुंबई में कनाडा के महावाणिज्य दूतावास अस्थायी रूप से निलंबित रहेंगे। कनाडाई नागरिक नई दिल्ली स्थित दूतावास से सहायता प्राप्त कर सकते हैं।”
जॉली ने ओटोवा में कहा, ”कनाडा और भारत के हाल के दिनों में बिगड़े संबंधों के कारण मीडिया और सोशल मीडिया पर कनाडा के प्रति विरोध प्रदर्शन और नकारात्मक भावनाएं देखने को मिल रही हैं। भारत में कनाडा विरोधी प्रदर्शन हो सकते हैं। कनाडाई लोगों को धमकी या उत्पीड़न का शिकार होना पड़ सकता है।”
भारत में अजनबियों से नहीं करें बात
कनाडाई विदेश मंत्री ने आगे कहा, “‘दिल्ली में आपको अजनबियों के साथ कम बातचीत रखनी चाहिए। अपनी व्यक्तिगत जानकारी उनके साथ साझा नहीं करनी चाहिए। परिवहन के लिए सार्वजिन वाहनों और भीड़-भाड़ वाले इलाकों से बचें। आपको हमेशा किसी के साथ यात्रा करनी चाहिए और अपनी यात्रा योजनाओं के बारे में किसी मित्र या परिवार के सदस्य को सूचित करना चाहिए।”
आपको बता दें कि भारत ने पहले ही कनाडाई नागरिकों के लिए वीजा जारी करने की प्रक्रिया को अनिश्चित काल के लिए रोक दी है।
41 राजनयिकों को वापस बुलाया
भारत द्वारा कनाडाई राजनयिकों को मिली छूट हटाने की चेतावनी दिए जाने के बाद कनाडा ने अपने देश के 41 राजनयिकों को बृहस्पतिवार को नयी दिल्ली में सेवा से हटा दिया। कनाडा ने आरोप लगाए हैं कि उपनगरीय वैंकूवर में हुई एक सिख अलगाववादी नेता की हत्या में भारत का हाथ हो सकता है। इसके बाद से भारत और कनाडा के संबंधों में तनाव बढ़ गया है।
21 अभी भी भारत में रहेंगे
जॉली ने कहा कि शेष 21 कनाडाई राजनयिक अपवाद हैं और वे भारत में ही रहेंगे। जॉली ने कहा कि राजनयिक छूट हटाना अंतरराष्ट्रीय कानून के खिलाफ है और इसी वजह से कनाडा जवाबी कार्रवाई नहीं करेगा।
कनाडाई दूतावास में काफी थी भीड़
इससे पहले भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने भारत से कनाडाई राजनयिकों की संख्या कम किए जाने की मांग की थी और कहा था कि उनकी संख्या कनाडा में सेवारत भारतीय राजनयिकों की संख्या से अधिक है।
ट्रूडो के आरोप से बिगड़ें संबंध
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने पिछले महीने आरोप लगाया था कि 45 वर्षीय सिख नेता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत की संलिप्तता होने की आशंका है। भारत कई वर्षों से कहता रहा है कि भारतीय मूल का कनाडाई नागरिक निज्जर आतंकवादी गतिविधियों में शामिल था।