इजरायल के साथ अमेरिका, गाजा पहुंचा रूस, चीन भी एक्टिव; WW3 न करा दे महाशक्तियों का टकराव…

रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद इजरायल-हमास की लड़ाई में महाशक्तियों की दिलचस्पी बढ़ती जा रही है।

इजरायल ने जहां हमास को मिट्टी में मिलाने की कमस खाई है। वहीं, अमेरिका भी उसका साथ दे रहा है। बाइडेन के अधाकारियों ने साफ शब्दों में कहा है कि हमास द्वारा बंधाक बनाए गए इजरायल के लोगों की सुरक्षित वापसी के लिए जो बाइडेन प्रतिबद्ध हैं।

इस सबके बीच चीन का भी बयान सामने आया है। उसने कहा कि वह गाजा में फिलिस्तीनियों की मदद के लिए रूस के साथ काम करने के लिए तैयार है। महाशक्तियों की बढ़ती दिलचस्पी से दुनिया पर फिर से विश्व युद्ध का खतरा मंडराने लगा है।

अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने एक प्रेस ब्रीफिंग में कहा कि संयुक्त राज्य अमेरिका न केवल हमास का मुकाबला करने के प्रयासों में इजरायल की सहायता करने के लिए तैयार है, बल्कि गाजा को मानवीय सहायता पहुंचाने की सुविधा भी प्रदान करने के लिए तैयार है।

आपको बता दें कि राष्ट्रपति जो बाइडेन ने हाल ही में इजरायल की यात्रा की थी। अमेरिकी अधिकारियों ने यह भी कहा है कि अमेरिकी खुफिया विभाग अल-अहली अस्पताल में हुए विस्फोट के लिए इजरायली हवाई हमले को जिम्मेदार नहीं मानता है। 

रूस और चीन साथ-साथ
इजरायल-हमास युद्ध पर रूस और चीन साथ नजर आ रहे हैं। इसका सबसे बड़ा कारण अमेरिका है। यूक्रेन युद्ध के बाद अमेरिका और रूस की दुश्मनी बढ़ गई है। वहीं, दक्षिणी चीन सागर में वर्चस्व को लेकर चीन और अमेरिका के रिश्ते भी सहज नहीं है।

ऐसे फिलिस्तीन के बहाने देनों देश अमेरिका को जवाब देने की कोशिश करते दिख रहे हैं। समाचार एजेंसी रॉयटर्स के अनुसार, चीनी मीडिया ने बताया कि चीन इजरायल-फिलिस्तीनी संघर्ष को शांत करने के लिए रूस के साथ बात करने और समन्वय बनाए रखने के लिए तैयार है।

चीनी मध्य पूर्व के विशेष दूत और रूसी समकक्ष के साथ बैठक के बाद यह रिपोर्ट सामने आई है। कतर के दोहा में रूस के साथ बैठक के बाद दूत झाई जून ने कहा कि फिलिस्तीनी मामले पर चीन और रूस का रुख समान है। झाई ने नागरिकों के मारा जाने और मानवीय संकट के बारे में चीन की चिंता व्यक्त की। 

ब्रिटेन भी इजरायल के साथ, सुनक ने किया तेल अवीव का दौरा
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक इजरायल-हमास संघर्ष को बढ़ने से रोकने के संबंध में बातचीत करने और इजरायल के साथ एकजुटता दिखाने के लिए गुरुवार को तेल अवीव पहुंचे। यहां सुनक ने प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से वादा किया कि इस कठिन समय में वह इजरायल के साथ हैं।

साथ ही उन्होंने गाजा में एक मानवीय गलियारा खोलने का स्वागत किया। नेतन्याहू ने सुनक का गले लगाकर स्वागत किया और एक-दूसरे को दोस्त बताया। सुनक ने कहा, ”मैं यह कहना चाहूंगा कि मुझे इजरायल के सबसे कठिन समय में आपके साथ यहां खड़े होने पर गर्व है।

आपके मित्र के रूप में हम आपके साथ एकजुटता से खड़े होंगे। हम आपके लोगों के साथ खड़े होंगे और हम यह भी चाहते हैं कि आप जीतें।” उन्होंने कहा, इस खौफनाक समय में फंसे ब्रिटिश नागरिकों को दिए गए सहयोग के लिए भी मैं आपका धन्यवाद देना चाहता हूं।

युद्ध किसी के हित में नहीं : क्लेवरली
पश्चिमी देशों की एकजुटता दिखाने के लिए पश्चिम एशिया की इसी तरह की यात्राएं कर रहे हैं। सुनक की यात्रा के साथ ब्रिटेन के विदेश मंत्री जेम्स क्लेवरली ने भी पूरे क्षेत्र में संघर्ष को फैलने से रोकने और शांतिपूर्ण हल की दिशा में काम करने के प्रयासों के तहत पश्चिम एशिया में विभिन्न देशों की यात्रा शुरू की है।

क्लेवरली अगले तीन दिन में मिस्र, तुर्किये और कतर में वरिष्ठ नेताओं से मिलेंगे। क्लेवरली ने कहा, यह किसी के हित में नहीं है। न तो इजरायली, न ही फलस्तीनी और न ही व्यापक पश्चिम एशिया के लिए कि दूसरों को इस संघर्ष में शामिल किया जाए। 

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