भोपाल, 02 जुलाई। Pal Mahasabha : मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश के मेहनतकश नागरिकों के विकास और कल्याण के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी।
समाज के सभी वर्गों के विकास के लिए निरंतर प्रयास होंगे। पाल समाज परिश्रमी है। कृषि, पशुपालन और अन्य कार्यों से जुड़े पाल समाज को शासन की योजनाओं का लाभ सुनिश्चित किया जाएगा।
मुख्यमंत्री चौहान आज मुख्यमंत्री निवास परिसर में अखिल भारतीय पाल महासभा समागम कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने प्रदेश में माँ अहिल्या बोर्ड बनाने, इंदौर में स्मारक, महेश्वर में माँ अहिल्यादेवी लोक के निर्माण और देवी अहिल्या जयंती पर ऐच्छिक अवकाश की घोषणाएँ की।
मुख्यमंत्री द्वारा की गई प्रमुख घोषणाएँ इंदौर में अहिल्यादेवी स्मारक का निर्माण किया जाएगा। इसके लिए 3 एकड़ भूमि दी गई है। महेश्वर में माँ अहिल्यादेवी लोक का निर्माण किया जाएगा। प्रदेश में माँ अहिल्या देवी कल्याण बोर्ड बनेगा, जिसमें पाल, धनगर, गडरिया और समाज की भारूल, श्रीपाल, गडेरी उपशाखाएँ भी शामिल होंगी। बोर्ड के अध्यक्ष को मंत्री का दर्जा दिया जाएगा।माँ अहिल्या देवी की जयंती पर मध्यप्रदेश में ऐच्छिक अवकाश रहेगा। |
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि माँ देवी अहिल्या जैसी शासिका नहीं मिल सकती। उन्होंने बद्रीनाथ से रामेश्वरम तक मंदिरों का जीर्णोद्धार किया। वे सुशासन की प्रतीक थीं। उन्होंने धर्म की संस्थापना के लिए जन्म लिया था। आज यह सौभाग्य मिला कि माँ देवी अहिल्या की पालकी कंधों पर उठाई है। वे हम सभी को सुशासन की प्रेरणा देती है। लोक माता अहिल्यादेवी का योगदान स्मरणीय है। मुख्यमंत्री चौहान ने समागम प्रारंभ होने पर माँ अहिल्या देवी के विशाल चित्र से सज्जित पालकी को कंधे पर उठाया। पालकी, कार्यक्रम स्थल से मंच तक सम्मानपूर्वक लाई गई।
मुख्यमंत्री चौहान का राज्य इलेक्ट्रानिक विकास निगम के अध्यक्ष एवं महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष शैतान सिंह और अन्य जन-प्रतिनिधियों ने साफा-पगड़ी पहना कर, शाल-श्रीफल, पुष्प-वर्षा और विशाल पुष्पहार से अभिनंदन किया। मुख्यमंत्री चौहान ने भी पाल समाज के बंधुओं का पुष्प-वर्षा से स्वागत किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि वे पाल समाज द्वारा दिए गए सम्मान को बनाए रखेंगे और नागरिकों के सम्मान को भी सुनिश्चित करेंगे। नागरिकों की राह में कोई काँटा नहीं आने दिया जाएगा। दीप प्रज्ज्वलन से कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। श्री शैतान सिंह ने स्वागत भाषण दिया। जीवन पाल ने आभार माना।