फ्रांस के सर्वोच्च प्रशासनिक न्यायाधिकरण (अदालत)m ने गुरुवार को कहा कि देश का फुटबॉल महासंघ मैचों में हिजाब पर प्रतिबंध लगा सकता है।
काउंसिल आफ स्टेट द्वारा यह व्यवस्था दिए जाने से पहले हिजाब पहनने वाली कुछ फुटबॉल खिलाड़ियों ने प्रतिबंध के खिलाफ आंदोलन चलाकर कानूनी कार्रवाई शुरू की थी।
फ्रांस फुटबॉल महासंघ ने आधिकारिक मैचों और अपने द्वारा आयोजित टूर्नामेंटों में महिलाओं के हिजाब पहनकर खेलने पर प्रतिबंध लगा रखा है। वहीं फीफा खिलाड़ियों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हिजाब पहनकर खेलने की अनुमति देता है।
काउंसिल आफ स्टेट ने कहा कि खेल महासंघ अपने खिलाड़ियों के लिये खेल प्रतिस्पर्धाओं के दौरान मैचों के सुचारू संचालन और टकराव से बचने के लिए ‘न्यूट्रल कपड़े’ पहनना अनिवार्य कर सकता है।
इसने एफएफएफ द्वारा लगाये गए प्रतिबंध को उचित बताया। काउंसिल आफ स्टेट ने अपने जन रिपोर्टर के सुझावों को नहीं माना जिसने इस सप्ताह की शुरूआत में कहा था कि महासंघ के नियमों की धारा एक को रद्द कर देना चाहिए।
इस धारा के तहत मैचों और टूर्नामेंटों के दौरान किसी धार्मिक मान्यता का परिचय देने वाले परिधान या प्रतीक को पहनना वर्जित है। यह स्पष्ट नहीं है कि क्या यह प्रतिबंध अगले साल पेरिस में होने वाले ओलंपिक पर भी लागू होगा या नहीं।
फ्रांस के गृहमंत्री गेरार्ड डारमानिन ने इस सप्ताह कहा था कि वह खेल प्रतिस्पर्धाओं में हिजाब पहने जाने के खिलाफ है। उन्होंने कहा था, ”खेलते समय आप धार्मिक कपड़े नहीं पहनते। जब आप फुटबॉल खेल रहे हैं तो सामने वाले खिलाड़ी का मजहब जानना जरूरी नहीं है।”