अरविंद केजरीवाल सरकार दिल्ली के मुख्य सचिव को बदलने की तैयारी कर रही है।
इसको लेकर उपराज्यपाल के माध्यम से मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने केंद्र से सहमति मांगी है। नरेश कुमार की जगह पीके गुप्ता को मुख्य सचिव बनाने के लिए प्रस्ताव भेजा गया है।
पीके गुप्ता 1989 बैच के आईएएस (IAS) अधिकारी हैं और अभी ACS (GAD) हैं।
गौरतलब है कि अभी हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने अधिकारियों के ट्रांसफर-पोस्टिंग मामले में दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार के पक्ष में फैसला सुनाया था।
पांच जजों की बेंच ने सर्वसम्मति से फैसला देते हुआ कहा कि लोक व्यवस्था, पुलिस और भूमि जैसे विषयों को छोड़कर अन्य सेवाओं पर दिल्ली सरकार के पास विधायी तथा प्रशासकीय नियंत्रण है।
सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली संविधान पीठ ने कहा कि नौकरशाहों पर एक निर्वाचित सरकार का नियंत्रण होना चाहिए।
उन्होंने कहा कि केंद्र शासित प्रदेश दिल्ली का ‘विशेष प्रकार का’ दर्जा है और उन्होंने न्यायाधीश अशोक भूषण के 2019 के उस फैसले से सहमति नहीं जतायी कि दिल्ली सरकार के पास सेवाओं पर कोई अधिकार नहीं है।
शीर्ष न्यायालय ने केंद्र तथा दिल्ली सरकार के बीच सेवाओं पर प्रशासनिक नियंत्रण के विवादित मुद्दे पर अपने फैसले में कहा, “केंद्र की शक्ति का कोई और विस्तार संवैधानिक योजना के प्रतिकूल होगा। दिल्ली अन्य राज्यों की तरह ही है और उसकी भी एक चुनी हुई सरकार की व्यवस्था है।”
उच्चतम न्यायालय ने 105 पन्ने के अपने आदेश में कहा, “सूची-2 के विशेष उल्लेखों (लोक व्यवस्था, पुलिस और भूमि) को छोड़कर राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली (एनसीटीडी) की विधानसभा के पास सूची-2 और सूची-3 का नियंत्रण है।” शीर्ष अदालत ने कहा कि सहकारी संघवाद की भावना के मद्देनजर केंद्र को संविधान द्वारा तय सीमाओं के भीतर अपनी शक्तियों का प्रयोग करना चाहिए।