मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि बेटियों की जिंदगी आसान बनाने के लिए राज्य सरकार ने अनेक कदम उठाए हैं।
बेटी,परिवार और समाज को बोझ न लगेऔर विवाह उत्सव उल्लास के साथ हो,इस उद्देश्य से राज्य सरकार द्वारा मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना आरंभ की गई।
मुख्यमंत्री चौहान ने झाबुआ जिले के पेटलावद में योजना के सामूहिक विवाह कार्यक्रम में मंत्रालय से वर्चुअली जुड़े। कार्यक्रम में 91 जोड़े परिणय सूत्र में बंधे।
मुख्यमंत्री चौहान ने नव-विवाहित जोड़ों को आशीर्वाद, शुभकामनाएँ और बधाई देते हुए कहा कि ईश्वर से यही प्रार्थना है कि उनके जीवन में सुख, समृद्धि, रिद्धि-सिद्धि और प्रसन्नता सदैव बनी रहे।
भारतीय संस्कृति में विवाह को संस्कार माना गया है। यह जन्म-जन्म के रिश्तों का आधार है। नव-विवाहित दंपति, प्रेम, स्नेह और आत्मीयता से जीवन व्यतीत करें और दोनों परिवारों का मान-सम्मान एवं प्रतिष्ठा बढ़ाएँ।
मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना में प्रत्येक नव-दम्पति को 49 हजार रूपए की राशि प्रदान की जा रही है, जिससे वे गृहस्थी आरंभ करने के लिए अपनी जरूरत और पसंद अनुसार स्वयं सामग्री ले सकें। विवाह की व्यवस्था भी जिला प्रशासन द्वारा की जा रही है।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में बहन-बेटियों के कल्याण के लिए अनेक कार्य जारी हैं। प्रदेश में लाड़ली लक्ष्मी योजना ने बेटियों के जीवन में बदलाव लाने और बेटियों के प्रति समाज का दृष्टिकोण बदलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। हाल ही में लागू की गई मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना से बहनों का आत्म-सम्मान और आत्म-निर्भरता बढ़ेगी।
अब तक योजना में एक करोड़ 25 लाख बहनों ने पंजीयन कराया है। पात्र बहनों के खाते में 10 जून को योजना की राशि 1000 रूपये अंतरित की जाएगी।
मुख्यमंत्री चौहान ने ‘मामा की दुआएँ लेती जा – जा तुझको सुखी संसार मिले’ गीत की पंक्तियों के साथ नव-विवाहिता बेटियों को शुभकामनाएँ दी।