सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई के बाद महाराष्ट्र की सियासत में 16 विधायकों की अयोग्यता पर फैसला चर्चा में है। इसी बीच राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने दावा कर दिया है कि अगर ये MLAs अयोग्य घोषित होते हैं, तो भी सरकार नहीं गिरेगी।
हाल ही में अटकलें लगाई जा रही थीं कि अजित भाजपा के साथ शामिल होने का मन बना रहे हैं। हालांकि, बाद में उन्होंने खुद ही इन बातों पर विराम लगा दिया था।
सोमवार को मुंबई में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान पवार ने कहा, ‘अगर 16 विधायक अयोग्य घोषित हो भी जाते हैं, तो शिंदे और फडणवीस सरकार नहीं गिरेगी।
सरकार पर कोई खतरा नहीं है।’ उन्होंने कहा कि 16 विधायकों के अयोग्य घोषित होने की स्थिति में भी सरकार बहुमत नहीं गंवाएगी। जून-जुलाई 2022 में बगावत के बाद शिवसेना से अलग हुए एकनाथ शिंदे ने भाजपा के साथ मिलकर सरकार बना ली थी।
उद्धव सेना चाहे जल्द कार्रवाई
हाल ही में शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) ने महाराष्ट्र की डिप्टी स्पीकर को एक पत्र सौंपा है, जिसमें 16 विधायकों की अयोग्यता पर जल्द कार्रवाई की मांग की गई है। शीर्ष न्यायालय ने सुनवाई के दौरान अयोग्यता का फैसला स्पीकर पर छोड़ दिया था। पार्टी व्हिप सुनील प्रभु ने जानकारी दी है, ‘चूंकि स्पीकर अभी विदेश दौरे से लौटे नहीं हैं, तो हमने उनके डिप्टी को पत्र सौंप दिया है।’
सुप्रीम कोर्ट में क्या हुआ
सुनवाई के दौरान एपेक्स कोर्ट ने तत्कालीन राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के फ्लोर टेस्ट बुलाने के फैसले पर सवाल उठाए थे। साथ ही कोर्ट में पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को भी राहत देने से इनकार कर दिया गया। कोर्ट का कहना था कि ठाकरे ने बगैर फ्लोर टेस्ट का सामना किए ही इस्तीफा दे दिया था।
एनसीपी-भाजपा कनेक्शन
कहा जा रहा था कि अजित का झुकाव एक बार फिर भाजपा की ओर जा रहा है। खबरें आईं कि वह भाजपा में शामिल होने के लिए एनसीपी विधायकों का साथ तलाश रहे हैं।
साथ ही पार्टी सुप्रीमो शरद पवार भी अपनी तरफ से शक्ति प्रदर्शन में जुटे हुए थे। माना जा रहा था कि शिंदे समूह के विधायकों के अयोग्य घोषित होने की स्थिति में महाराष्ट्र में नया सियासी साथी तलाश कर रही है।