महाराष्ट्र में 17 लाख कर्मचारियों की हड़ताल, पुरानी पेंशन बढ़ा रही एकनाथ शिंदे की टेंशन…

बीते साल सत्ता में आई महाराष्ट्र की एकनाथ शिंदे सरकार पहली बार बड़ी टेंशन में दिख रही है।

पुरानी पेंशन स्कीम की मांग को लेकर प्रदेश के 17 लाख कर्मचारी आज हड़ताल कर रहे हैं।

इस हड़ताल को अब राजनीतिक समर्थन भी मिल रहा है। आम आदमी पार्टी ने कर्मचारियों की हड़ताल के समर्थन का ऐलान कर दिया है। महाराष्ट्र सरकार ने सोमवार को पुरानी पेंशन स्कीम पर विचार करने के लिए एक पैनल के गठन का भी ऐलान कर दिया है।

इसके बाद भी कर्मचारी पुरानी पेंशन स्कीम लागू करने की घोषणा से कम पर मानने के लिए तैयार नहीं हैं। 

महाराष्ट्र में जो 17 लाख सरकारी कर्मचारी आज हड़ताल कर रहे हैं, उनमें डॉक्टर, टीचर, नॉन-टीचिंग स्टाफ भी शामिल है। डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस और खुद एकनाथ शिंदे ने भी कर्मचारियों से अपील की थी कि वे हड़ताल का फैसला वापस ले लें। दोनों ने कहा कि हम मानते हैं कि सरकारी कर्मचारी और अधिकारी रिटायरमेंट के बाद गरिमापूर्ण जीवन का हक रखते हैं।

हम कर्मचारियों की मांगों पर विचार के लिए एक कमेटी का गठन करेंगे। हालांकि कर्मचारियों ने कहा कि हम सरकार से पुरानी पेंशन स्कीम लागू करने का ऐलान चाहते हैं और उससे कम पर राजी नहीं होंगे।

शिंदे के वादे पर भी नहीं कर्मचारियों को भरोसा, बोले- वादा नहीं, ऐलान करो

एकनाथ शिंदे ने कहा, ‘राज्य के विकास में कर्मचारियों का योगदान अहम है। जनप्रतिनिधि और प्रशासन व्यवस्था के दो पहिये हैं। सैद्धांतिक तौर पर सरकार पुरानी पेंशन स्कीम के विरोध में नहीं है, लेकिन हमें इसके लिए रास्ता तलाशना होगा।

हम इस संबंध में चर्चा करेंगे कि कैसे रिटायरमेंट के बाद भी कर्मचारियों की सामाजिक सुरक्षा बनी रहे। इस संबंध में प्रशासनिक अधिकारियों, रिटायर कर्मचारियों को शामिल करते हुए एक कमेटी का गठन किया जाएगा। जो इस संबंध में सुझाव देगी। उसके आधार पर सरकार कोई फैसला लेगी।’

60 कर्मचारी संगठन कर रहे हैं हड़ताल, बढ़ा दी टेंशन

वहीं ऐसे तमाम वादों को कर्मचारी संगठनों ने खारिज कर दिया है। राज्य कर्मचारी एसोसिएशन के महासचिव विश्वास काटकर ने कहा कि हम वादे नहीं चाहते।

हम चाहते हैं कि सरकार इस बात का साफ ऐलान कर दे कि पुरानी पेंशन स्कीम को लागू किया जाएगा। गौरतलब है कि कुल 60 कर्मचारी संगठनों के बैनर तले यह स्ट्राइक हो रही है। महाराष्ट्र के अलावा चुनावी राज्य कर्नाटक समेत कई और राज्यों में भी पुरानी पेंशन स्कीम की मांग जोर पकड़ रही है। 

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