छत्तीसगढ़; रिसाली में नियमों को ताक पर रखकर निगम आयुक्त ने ब्लैकलिस्टेड ठेका कंपनी को दिया था काम…

रिसाली नगर पालिक निगम की मेयर इन काउंसिल ने सफाई ठेका कंपनी पीवी रमन का ठेका निरस्त कर दिया है।

सामान्य सभा की बैठक में भाजपा पार्षदों ने आरोप लगाया था कि पीवी रमन ने झूठा शपथ पत्र दे कर सफाई ठेका लिया है।

इस पर सभापति केशव बंछोर ने मामले की जांच मेयर इन काउंसिल के जरिए करने की बात कही थी। रिसाली महापौर शशि सिन्हा की अध्यक्षता वाली परिषद ने आरोप को सही पाते हुए सफाई ठेका को निरस्त कर दिया है।

सभापति केशव बंछोर ने भास्कर को बताया कि सामान्य सभा की बैठक में भाजपा पार्षद धर्मेंद्र भगत और अन्य ने दस्तावेजों के साथ पीवी रमन ठेका कंपनी के ऊपर आरोप लगाया था।

उन्होंने आरोप लगाया था कि वो दूसरे जिले में ब्लैकलिस्ट होने के बाद भी उसने झूठा शपथ पत्र दिया और रिसाली निगम का सफाई ठेका गलत तरीके से लिया।

सामान्य सभा में गहमा गहमी के बाद उन्होंने इस मामले की जांच के लिए एक कमेटी गठित करने को कहा था। जांच कमेटी ने जांच के बाद अपनी रिपोर्ट मेयर शशि सिन्हा को दी।

जांच प्रतिवेदन से स्पष्ट हुआ कि सफाई ठेका लेने ठेकेदार पी.वी. रमन ने अपने शपथ पत्र में इस बात का उल्लेख नहीं किया कि उसका नाम धमतरी निगम ने काली सूची में शामिल है। महापौर परिषद के सदस्यों ने इसे गंभीर आरोप मानते हुए उसका ठेका निरस्त कर दिया है।

ठेका निरस्त करने से पहले बुलाई गई बैठक
सफाई ठेका निरस्त करने से पहले मंगलवार को महापौर परिषद की बैठक बुलाई गई। इसमें महापौर शशि सिन्हा, सभापति केशव बंछोर, परिषद के सदस्य चन्द्रभान सिंह ठाकुर, गोविन्द चतुर्वेदी, अनुप डे, चन्द्रप्रकाश सिंह निगम, सोनिया देवांगन, सनीर साहू, ईश्वरी साहू, परमेश्वर कुमार, आयुक्त आशीष देवांगन व विभाग प्रमुख उपस्थित थे। सभी की उपस्थिति में यह निर्णय लिया गया। अब निगम का सफाई ठेका सेकंड लोएस्ट बिट वाली कंपनी को दिया जाएगा।

पीवी रमन के खिलाफ दर्ज कराई जाएगी एफआईआर
सफाई ठेकेदार पीवी रमन द्वारा झूठा शपथ पत्र प्रस्तुत करने के मामले को महापौर परिषद के सद्स्यों ने गंभीर माना है। परिषद के सदस्यों ने कहा कि ठेकेदार ने निगम प्रशासन को गुमराह करके ठेका हासिल किया है। जानकारी छिपाने और झूठा शपथ पत्र देने के मामले में वे लोग ठेकेदार के खिलाफ अपराध दर्ज कराएंगे।

ठेका देने वालों पर कार्रवाई नहीं

रिसाली मेयर इन काउंसिल ने धोखे से ठेका लेने वाली सफाई ठेका कंपनी मेसर्स पीवी रमन का ठेका निरस्त कर दिया। इस आदेश के बाद अब यह चर्चा हो रही है कि इसमें कई अधिकारियों को बचाने का काम किया गया है।

विपक्ष का कहना है कि सफाई ठेकेदार को ठेका देने से पहले उसके सभी दस्तावेजों की जांच करनी चाहिए थी। निगम के जिम्मेदार अधिकारियों ने आंख मूंदकर ठेका देने का काम किया है।

इसलिए उन अधिकारियों पर भी कार्रवाई होनी चाहिए, जो पीवी रमन को ठेका दिलाने के लिए जिम्मेदार हैं। रिसाली निगम सरकार ऐसा न करके उन अधिकारियों को बचाने का काम कर रही है।

भाजपा पार्षदों ने कहा हुई बड़ी जीत
रिसाली निगम के सफाई ठेका पर सामान्य सभा में पार्षद धर्मेंद्र भगत के प्रश्न लगाते हुए पीवी रमन पर गंभीर आरोप लगाए थे।

उनके आरोपी की जांच के लिए बनी कमेटी ने सभी आरोपों को सही पाया। कमेटी की जांच रिपोर्ट के बाद महापौर परिषद के सदस्यों ने इसे गंभीर आरोप मानते हुए ठेका ही निरस्त कर दिया।

विपक्षी पार्षद धर्मेंद्र भगत ने इसे विपक्ष की बड़ी जीत बताया है। उनका कहना है कि वो इसी तरह गलत मुद्दों को उठाते रहेंगे।

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