केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दो दिन पहले कोरबा की जनसभा में कांग्रेस के खिलाफ चुनावी अभियान का आगाज किया।
उन्होंने अपने बयानों से राज्य सरकार पर आरोप लगाये। चार साल के कामकाज का हिसाब मांगा।
अब मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने उन सभी आरोपों-बयानों पर बिंदुवार जवाब दिया है। मुख्यमंत्री ने अपने सोशल मीडिया एकाउंट के जरिये लिखा, सवालों से बचना-भागना कायरता है, हम “कांड’ वाली भाजपा नहीं, “काम’ वाली कांग्रेस हैं।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने रविवार को फेसबुक पर एक लंबी पोस्ट डाली। उन्होंने लिखा, सवालों से बचना-भागना कायरता है और हम “भाजपा’ नहीं, “कांग्रेस’ हैं।
छत्तीसगढ़ प्रवास के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह जी ने कोरबा में नवा छत्तीसगढ़ सरकार के ऊपर कई आरोप लगाए, कई गलत तर्क प्रस्तुत किए, कई वक्तव्य दिए, कई दावे भी किए।
हालांकि सभी आरोप बिना होमवर्क के सुनाई देते हैं, संभवतः भाजपा का प्रदेश नेतृत्व अपने नेता को गुमराह कर रहा होगा।
राजनीति में आरोप-प्रत्यारोप तो हिस्सा हैं लेकिन आरोपों से बचना कायरता है। हम “कांड’ वाली भाजपा सरकार नहीं बल्कि “काम’ वाली कांग्रेस सरकार हैं। इसलिए मैं हर आरोप का जवाब स्वयं दे रहा हूं।
एक-एक बयान का अपने अंदाज में जवाब दिया
व्यक्तव्य– 2024 में नरेंद्र मोदी जी को प्रधानमंत्री बनाना है तो छत्तीसगढ़ में भाजपा की सरकार बनानी होगी।
जवाब – माननीय गृहमंत्री जी, आपने वह कहावत तो सुनी ही होगी- न नौ मन तेल होगा, न राधा नाचेगी। आपको भी यह अच्छी तरह पता है कि छत्तीसगढ़ में भाजपा का क्या हाल है। आपकी पार्टी ने और आपकी पार्टी के नेताओं ने 15 साल तक छत्तीसगढ़ को बहुत ठगा, अब यहां के लोग ठगाने वाले नहीं हैं। किसानों को आपकी पार्टी ने झूठे आश्वासन दिए, झूठे वादे किए, आप लोगों के सारे झूठ किसानों को याद हैं। जंगल के वासियों और आदिवासियों के साथ किस तरह के अत्याचार हुए, वे लोग इस बात को भी नहीं भूले हैं। जल-जंगल-जमीन के मालिक होने के बाद भी वे गरीबी में ही जीने के लिए मजबूर हुए। कांग्रेस को छत्तीसगढ़ में कामकाज संभाले अभी केवल 4 साल ही हुए हैं, इन थोड़े दिनों में ही यहां के लोगों ने कांग्रेस और भाजपा की कथनी-करनी के फर्क को समझ लिया है। रही बात मोदी जी की तो यहां के लोगों ने मोदी जी कि नीति-रीति को भी अच्छी तरह देख-समझ लिया है। काले कानून और किसान आंदोलन के दमन को यहां के लोग भी कभी नहीं भूल पाएंगे।
व्यक्तव्य – प्रभु श्री राम के ननिहाल में आया हूं। कर्मा माता, राजिम माता सबको प्रणाम करता हूं।
उत्तर – बहुत अच्छी बात है कि आपको इस बात की याद आई कि छत्तीसगढ़ भगवान राम की ननिहाल है। अब तो आपको यह भी याद आता होगा कि भगवान राम ने वनवासकाल के 14 सालों में से 10 साल इसी छत्तीसगढ़ में गुजारे थे। लेकिन मैं आपसे पूछना चाहता हूं कि छत्तीसगढ़ में 15 साल तक शासन करने के बाद आपकी सरकार ने भगवान राम की इस पुण्यभूमि के लिए किया क्या? आप लोग सिर्फ अयोध्या पर ही अटके रहे, क्योंकि आपके लिए वह राजनीतिक मुद्दा था। छत्तीसगढ़ के रग-रग में प्रभु राम बसते हैं। वे यहां की संस्कृति में बसे हुए हैं। आप लोगों ने केवल और केवल इस पुण्य धरा को अपमानित किया। आप लोगों को केवल राजा राम याद रहे, हम लोग वनवासी राम को भी भजते हैं। आप लोगों को राम की आक्रामकता रही, हम लोग उनकी दयालुता, मिलनसारिता और समदृष्टि को अपने में आत्मसात किए हुए हैं। राम वन गमन पर्यटन परिपथ परियोजना हमारी सरकार ने बनाई, आपकी सरकार ने क्या किया।
अच्छी बात है कि है कि आपको कर्मा माता, भक्तिन महतारी राजिम दाई की याद आई। क्या आप भूल गए कि आपकी सरकार ने ही राजिम मेले का नाम बदलकर कुंभ मेला करने का काम किया था। राजिम दाई का ऐसा अपमान यहां के लोग कैसे भूल सकते हैं।
व्यक्तव्य – भूपेश भैया चुनाव आ गया है जनता को क्या जवाब दोगे?
उत्तर – जनता तो जवाब आपसे मांगेगी कि भूपेश बघेल ने मुख्यमंत्री के रूप में जो काम केवल चार साल में करके दिखा दिए, उन्हें आपकी सरकार 15 सालों में क्यों नहीं कर पाई। जवाब देने की तैयारी आपको करनी चाहिए। मुझे मालूम है कि आप लोगों के पास इसका कोई जवाब नहीं है।
शाह के दावों पर भी बघेल का जवाब आया
दावा – 15 साल भाजपा की सरकार छत्तीसगढ़ को बीमारू राज्य से विकसित राज्य की ओर ले गई।
उत्तर – भाजपा सरकार ने जब कामकाज संभाला तब राज्य निर्माण को केवल 03 साल हुए थे, और आप कह रहे हैं कि छत्तीसगढ़ बीमारू राज्य था। शुरुआती तीन साल नये राज्य के विकास की अधोसंरचना तैयार करने के साल थे। छत्तीसगढ़ राज्य सभी तरह के संसाधनों और संभावनाओं से भरपूर राज्य था, लेकिन आपकी सरकार ने 15 साल तक न तो इन संसाधनों का सही उपयोग किया और न ही संभावनाओं का दोहन किया। 15 सालों में भाजपा सरकार ने सिर्फ और सिर्फ वही काम किए जिनमें कमीशन की गुंजाइश होती थी। आम किसानों, जंगल के वासियों, आदिवासियों के साथ केवल और केवल छल किया। यदि आपके राज्य में इन वर्ग के लोगों को उनके पसीने की कीमत नहीं मिल पाई, उनके अधिकार नहीं मिल पाए, तो आप कैसे कह सकते हैं कि आपने छत्तीसगढ़ को विकसित राज्य बना दिया। आपको यह याद रखना चाहिए कि छत्तीसगढ़ किसानों और आदिवासियों का प्रदेश है। यदि किसान और आदिवासी ही बीमार रहेंगे तो फिर छत्तीसगढ़ विकसित राज्य कैसे कहा जा सकता है। किसानों और आदिवासियों तक समाजिक और आर्थिक न्याय पहुंचाने का काम कांग्रेस ने किया। आज किसानों और जंगल के वासियों के जीवन में कैसा बदलाव आया है इसे यहां के किसानों और वनवासियों को बताने की जरूरत नहीं है। और याद रखिए कि रमन सिंह सरकार जब विदा हुई तो छत्तीसगढ़ देश का सबसे गरीब राज्य ही था।
दावा – पैर में चप्पल से लेकर घर में बिजली तक पहुंचाने का काम हमने किया।
उत्तर – यहां के आदिवासियों को बहुत अच्छी तरह याद है कि चप्पल बांटने के नाम पर आपकी सरकार आदिवासियों के साथ कैसा मजाक करती थी। उन्हें अच्छी तरह याद है कि अलग-अलग पैरों के लिए किस तरह अलग-अलग चप्पल बांटे जाते थे। आप सुकमा और गरियाबंद जैसे इलाकों के गांव वालों से पूछिए कि आपकी सरकार के कार्यकाल में उन्हें कितनी बिजली मिलती थी। ऐसे गांवों तक बिजली की लाइनें तक पहुंच नहीं पाई थी। दुर्गम से दुर्गम इलाकों तक बिजली पहुंचाने का काम हमारी सरकार ने किया। आज यदि अबूझमाड़ जैसे इलाकों के किसान सौर-बिजली का लाभ उठा पा रहे हैं तो यह काम हमारी सरकार ने किया है, न कि आपकी सरकार ने।
दावा – डबल इंजन की सरकार रहेगी तो राज्य का तेजी से विकास होगा।
उत्तर – डबल इंजन का जुमला छत्तीसगढ़ के लोगों ने पहले भी सुना है और साक्षात भोगा भी है। छत्तीसगढ़ की ट्रेन में यह डबल इंजन अलग-अलग दिशाओं में लगा था और ट्रेन को अलग-अलग दिशा में खींचता था। उस दुःस्वपन्न हो यहां के लोग फिर दोहराना नहीं चाहेंगे। वे जानते हैं कि किसानों का बोनस कौन रोकता है, मनरेगा का भुगतान कौन रोकता है और जीएसटी को लेकर परेशान कौन करता है।
शाह के दावों पर भी बघेल का जवाब आया
दावा – 15 साल भाजपा की सरकार छत्तीसगढ़ को बीमारू राज्य से विकसित राज्य की ओर ले गई।
उत्तर – भाजपा सरकार ने जब कामकाज संभाला तब राज्य निर्माण को केवल 03 साल हुए थे, और आप कह रहे हैं कि छत्तीसगढ़ बीमारू राज्य था। शुरुआती तीन साल नये राज्य के विकास की अधोसंरचना तैयार करने के साल थे। छत्तीसगढ़ राज्य सभी तरह के संसाधनों और संभावनाओं से भरपूर राज्य था, लेकिन आपकी सरकार ने 15 साल तक न तो इन संसाधनों का सही उपयोग किया और न ही संभावनाओं का दोहन किया। 15 सालों में भाजपा सरकार ने सिर्फ और सिर्फ वही काम किए जिनमें कमीशन की गुंजाइश होती थी। आम किसानों, जंगल के वासियों, आदिवासियों के साथ केवल और केवल छल किया। यदि आपके राज्य में इन वर्ग के लोगों को उनके पसीने की कीमत नहीं मिल पाई, उनके अधिकार नहीं मिल पाए, तो आप कैसे कह सकते हैं कि आपने छत्तीसगढ़ को विकसित राज्य बना दिया। आपको यह याद रखना चाहिए कि छत्तीसगढ़ किसानों और आदिवासियों का प्रदेश है। यदि किसान और आदिवासी ही बीमार रहेंगे तो फिर छत्तीसगढ़ विकसित राज्य कैसे कहा जा सकता है। किसानों और आदिवासियों तक समाजिक और आर्थिक न्याय पहुंचाने का काम कांग्रेस ने किया। आज किसानों और जंगल के वासियों के जीवन में कैसा बदलाव आया है इसे यहां के किसानों और वनवासियों को बताने की जरूरत नहीं है। और याद रखिए कि रमन सिंह सरकार जब विदा हुई तो छत्तीसगढ़ देश का सबसे गरीब राज्य ही था।
दावा – पैर में चप्पल से लेकर घर में बिजली तक पहुंचाने का काम हमने किया।
उत्तर – यहां के आदिवासियों को बहुत अच्छी तरह याद है कि चप्पल बांटने के नाम पर आपकी सरकार आदिवासियों के साथ कैसा मजाक करती थी। उन्हें अच्छी तरह याद है कि अलग-अलग पैरों के लिए किस तरह अलग-अलग चप्पल बांटे जाते थे। आप सुकमा और गरियाबंद जैसे इलाकों के गांव वालों से पूछिए कि आपकी सरकार के कार्यकाल में उन्हें कितनी बिजली मिलती थी। ऐसे गांवों तक बिजली की लाइनें तक पहुंच नहीं पाई थी। दुर्गम से दुर्गम इलाकों तक बिजली पहुंचाने का काम हमारी सरकार ने किया। आज यदि अबूझमाड़ जैसे इलाकों के किसान सौर-बिजली का लाभ उठा पा रहे हैं तो यह काम हमारी सरकार ने किया है, न कि आपकी सरकार ने।
दावा – डबल इंजन की सरकार रहेगी तो राज्य का तेजी से विकास होगा।
उत्तर – डबल इंजन का जुमला छत्तीसगढ़ के लोगों ने पहले भी सुना है और साक्षात भोगा भी है। छत्तीसगढ़ की ट्रेन में यह डबल इंजन अलग-अलग दिशाओं में लगा था और ट्रेन को अलग-अलग दिशा में खींचता था। उस दुःस्वपन्न हो यहां के लोग फिर दोहराना नहीं चाहेंगे। वे जानते हैं कि किसानों का बोनस कौन रोकता है, मनरेगा का भुगतान कौन रोकता है और जीएसटी को लेकर परेशान कौन करता है।
शाह के दावों पर भी बघेल का जवाब आया
दावा – 15 साल भाजपा की सरकार छत्तीसगढ़ को बीमारू राज्य से विकसित राज्य की ओर ले गई।
उत्तर – भाजपा सरकार ने जब कामकाज संभाला तब राज्य निर्माण को केवल 03 साल हुए थे, और आप कह रहे हैं कि छत्तीसगढ़ बीमारू राज्य था। शुरुआती तीन साल नये राज्य के विकास की अधोसंरचना तैयार करने के साल थे। छत्तीसगढ़ राज्य सभी तरह के संसाधनों और संभावनाओं से भरपूर राज्य था, लेकिन आपकी सरकार ने 15 साल तक न तो इन संसाधनों का सही उपयोग किया और न ही संभावनाओं का दोहन किया। 15 सालों में भाजपा सरकार ने सिर्फ और सिर्फ वही काम किए जिनमें कमीशन की गुंजाइश होती थी। आम किसानों, जंगल के वासियों, आदिवासियों के साथ केवल और केवल छल किया। यदि आपके राज्य में इन वर्ग के लोगों को उनके पसीने की कीमत नहीं मिल पाई, उनके अधिकार नहीं मिल पाए, तो आप कैसे कह सकते हैं कि आपने छत्तीसगढ़ को विकसित राज्य बना दिया। आपको यह याद रखना चाहिए कि छत्तीसगढ़ किसानों और आदिवासियों का प्रदेश है। यदि किसान और आदिवासी ही बीमार रहेंगे तो फिर छत्तीसगढ़ विकसित राज्य कैसे कहा जा सकता है। किसानों और आदिवासियों तक समाजिक और आर्थिक न्याय पहुंचाने का काम कांग्रेस ने किया। आज किसानों और जंगल के वासियों के जीवन में कैसा बदलाव आया है इसे यहां के किसानों और वनवासियों को बताने की जरूरत नहीं है। और याद रखिए कि रमन सिंह सरकार जब विदा हुई तो छत्तीसगढ़ देश का सबसे गरीब राज्य ही था।
दावा – पैर में चप्पल से लेकर घर में बिजली तक पहुंचाने का काम हमने किया।
उत्तर – यहां के आदिवासियों को बहुत अच्छी तरह याद है कि चप्पल बांटने के नाम पर आपकी सरकार आदिवासियों के साथ कैसा मजाक करती थी। उन्हें अच्छी तरह याद है कि अलग-अलग पैरों के लिए किस तरह अलग-अलग चप्पल बांटे जाते थे। आप सुकमा और गरियाबंद जैसे इलाकों के गांव वालों से पूछिए कि आपकी सरकार के कार्यकाल में उन्हें कितनी बिजली मिलती थी। ऐसे गांवों तक बिजली की लाइनें तक पहुंच नहीं पाई थी। दुर्गम से दुर्गम इलाकों तक बिजली पहुंचाने का काम हमारी सरकार ने किया। आज यदि अबूझमाड़ जैसे इलाकों के किसान सौर-बिजली का लाभ उठा पा रहे हैं तो यह काम हमारी सरकार ने किया है, न कि आपकी सरकार ने।
दावा – डबल इंजन की सरकार रहेगी तो राज्य का तेजी से विकास होगा।
उत्तर – डबल इंजन का जुमला छत्तीसगढ़ के लोगों ने पहले भी सुना है और साक्षात भोगा भी है। छत्तीसगढ़ की ट्रेन में यह डबल इंजन अलग-अलग दिशाओं में लगा था और ट्रेन को अलग-अलग दिशा में खींचता था। उस दुःस्वपन्न हो यहां के लोग फिर दोहराना नहीं चाहेंगे। वे जानते हैं कि किसानों का बोनस कौन रोकता है, मनरेगा का भुगतान कौन रोकता है और जीएसटी को लेकर परेशान कौन करता है।