भिलाई में ट्रांसपोर्टर की बढ़ाई की सुरक्षा, लेटर भेजने वाले की पहचान में जुटी पुलिस, धमकी भरा पत्र भेजने वाले का CCTV फुटेज आया सामने…

हैवी ट्रांसपोर्ट कंपनी (HTC) के संचालक और ट्रक ट्रेलर एसोसिएशन के अध्यक्ष इंद्रजीत सिंह उर्फ छोटी को धमकी भरा पत्र भेजने वाला जल्द ही सलाखों के पीछे होगा।

पुलिस ने संदिग्ध का सीसीटीवी फुटेज निकाल लिया है। उसकी पहचान जारी है। तब तक के लिए पुलिस ने इंद्रजीत को सिविल ड्रेस में पुलिस सुरक्षा मुहैय्या कराई जा रही है।

दुर्ग एसपी डॉ. अभिषेक पल्लव ने भास्कर से खास बातचीत में बताया कि पुलिस ने धमकी भरा पत्र भेजने वाले का सीसीटीवी फुटेज निकाल लिया है।

पुलिस ने छोटू को भेजे गए पत्र की जांच की है। जांच में पता चला कि धमकी भरा पत्र 25 दिसंबर 2022 को सेक्टर 2 के स्ट्रीट पोस्ट बॉक्स से पोस्ट किया गया है।

पुलिस ने उस स्ट्रीट का पूरे दिन का सीसीटीवी फुटेज खंगाला तो पता चला कि उस दिन उस बॉक्स में केवल एक ही पत्र पोस्ट किया गया है और वह है धमकी भेजने वाले का।

पुलिस के मुताबिक धमकी भरा पत्र पोस्ट करने वाला आरोपी 35-40 साल के बीच का व्यक्ति है। वह ब्लैक कलर की स्प्लैंडर प्लस बाइक से आया था।

दोपहर करीब 11.20 बजे वह लाल रंग के पोस्टल बॉक्स के पास रुका और उसमें लेटर डालता हुआ दिखाई दे रहा है।

पुलिस इस आदमी की तलाश कर रही है। जल्द ही उसे गिरफ्तार कर लिया जाएगा।

ट्रांसपोर्टर्स के इर्द गिर्द घूम रही शक की सुई
इंद्रजीत सिंह उर्फ छोटू जिले के सबसे बड़े ट्रांसपोर्ट HTC का मालिक है। कुछ दिन पहले उसका भूपेंद्र ट्रांसपोर्ट के संचालक भूपेंद्र यादव से झगड़ा भी हुआ था।

भूपेंद्र ने आरोप लगाया था कि इंद्रजीत ने उसका बीएसपी का काम छीन लिया है। धमकी भरे पत्र में काम छीनने का जिक्र है।

इतना ही नहीं जिस युवक का चेहरा सीसीटीवी फुटेज में आया है वह भी ट्रांसपोर्टर की तरह लग रहा है। पुलिस का कहना है कि जल्द ही वो आरोपी की पहचान कर लेगी।

छोटू को दी गई थी जान से मारने की धमकी
ट्रांसपोर्टर छोटू को धमकी भरे लेटर में लिखा गया था कि “छोटू क्यों इतना दुश्मनी पाल रहा है पूरे शहर से दुर्ग से रायपुर तक पूरे छत्तीसगढ़ तक तेरे पीछे आदमी लोग मारने के लिए बाहर से आ गये हैं। इतना पैसा क्या करेगा। आप भी लोगों का काम मत छीनो” छोटू ने इसकी शिकायत भिलाई तीन थाने में दर्ज कराई है।

पार्षद को भेजा गया पत्र बताया जा रहा फर्जी
इधर दुर्ग निगम के पार्षद और भाजपा नेता अरुण सिंह को भेजा गया धमकी भरा पत्र फर्जी बताया जा रहा है। एसपी दुर्ग का कहना है कि वह लेटर पोस्ट ऑफिस से भेजा ही नहीं गया।

उस पर लगी मोहर फर्जी है। पोस्ट ऑफिस वालों ने उस मोहर को गलत बताया है। इतना ही नहीं जो नंबर और नाम लेटर में लिखे थे वह भी पत्र भेजने वाले के नहीं है।

पुलिस इस लेटर की भी जांच कर रही है। यदि लेटर फर्जी निकला तब भी पुलिस ऐसा करने वाले खिलाफ बड़ी धाराओं के तहत कार्रवाई करेगी।

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