धमतरी- ग्राम पंचायत कलारतराई निवासी ईश्वरी साहू पति स्व. धनेश साहू ने गत 04 अगस्त 2022 को शिकायत की थी कि सरपंच लवण किशोर साहू द्वारा गांव में ही शासकीय घांस भूमि पर अवैध भवन निर्माण करवाया जा रहा है, इस खबर को हमने प्रमुखता से उठाया था, जिस पर प्रशासन ने मामले को संज्ञान लेते हुए 18 अगस्त 2022 को न्यायालय नायब तहसीलदार द्वारा सरपंच को इस अवैध निर्माण पर रोक लगाने के आदेश जारी किए गए थे, बावजूद निर्माण कार्य जारी रहा।
सैयद जावेद हुसैन, सह संपादक, छत्तीसगढ़ :
7 सितंबर 2022 को नायब तहसीलदार कुणाल सर्वैय्या मौका मुआयना व जांच के लिए ग्राम पंचायत कलारतराई पहुंचे, जहां जांच पश्चात शासकीय घांस भूमि खसरा नं- 838 रकबा 0.80 हे. भूमि के टुकड़े पर 1119 व.फु. पर अवैध निर्माणाधीन भवन पाया गया था, लेकिन सरपंच लवण किशोर साहू ने उस निर्माण को खुद का न बताकर अपने रिश्तेदार दुर्योधन पिता गणपत का होना बताया।
जिस पर नायब तहसीलदार कुणाल सर्वैय्या ने सरपंच को उक्त अवैध निर्माण को 7 दिवस के भीतर पंचायत प्रस्ताव पारित कर हटवाने का आदेश देते हुए ज्ञापन दिया। बावजूद इसके अवैध निर्माण कार्य जारी रखा गया।
पश्चात 19 अक्टूबर 2022 को न्यायालय नायब तहसीलदार द्वारा शासकीय घांस भूमि पर अवैध निर्माण किए जाने पर ₹1000 के अर्थदंड से दंडित भी किया जा चुका है, इसके अलावा उक्त घांस भूमि से बेदखली का वारंट भी जारी किया जा चुका है, इन सबके बाद भी निर्माण कार्य धड़ल्ले से जारी है।
न्यायालय नायब तहसीलदार द्वारा दिनांक 29 नवंबर 2022 को पुनः स्मरण पत्र ग्राम पंचायत कलारतराई सरपंच को जारी किया गया जिसमे उक्त शासकीय भूमि से अवैध अतिक्रमण को हटाने के लिए एक सप्ताह का समय दिया गया है।
लेकिन विडंबना है कि उक्त अवैध निर्माण कार्य पर विराम लगने की जगह कार्य में अप्रत्याशित तेजी देखी जा रही है।
वहीं पता चला है कि मकान का पूरा ढांचा तो पहले ही तैयार किया जा चुका था, अब फिनिशिंग कार्य तेजी से चल रहा है, तो टाइल्स भी लगाने की तैयारी की जा रही है।
सूत्र ने बताया कि इस अवैध निर्माण कार्य में एक नेता अहम भूमिका निभा रहा है। उसी के चलते सरपंच के हौसले बुलंद नजर आ रहे हैं।
बहरहाल आपको बता दें कि पंचायती राज अधिनियम 1993 की धारा 56 के अनुसार ग्राम पंचायत क्षेत्र में अतिक्रमण हटाने की शक्ति स्वयं पंचायत के पास होती है, लेकिन पंचायत का सरपंच ही अवैध निर्माण कर रहा हो तो फिर क्या कहने…!
अब इस मामले में देखना दिलचस्प होगा कि सरपंच की नेतागिरी और मनमानी उस अवैध निर्माण को पूरा करवा पाती है या फिर राजस्व विभाग अपने दायित्व को निभा पायेगा?