रायपुर : अनुकंपा नियुक्ति की मांग को लेकर महिलाओं ने निकाली कफन रैली….
रायपुर। अनुकंपा नियुक्ति की मांग को लेकर पिछले 42 दिनों से विधवा महिलाएं राजधानी में धरने पर बैठी हैं। धरने पर बैठी महिलाओं ने बुधवार को कफन रैली निकाली।
ये वो महिलाएं हैं, जिनके पति पंचायत स्तर के स्कूलों में पढ़ा रहे थे। किसी की हादसे में मौत हो गई तो किसी को बीमारी ने छीन लिया। अब इन महिलाओं का कहना है कि पति की जगह सरकारी नौकरी दी जाए।मंगलवार को ही इन महिलाओं का समूह राज्यपाल अनुसुइया उइके से मिलकर भी आया है।
अनुकंपा नियुक्ति शिक्षाकर्मी कल्याण संघ का अनशन एक सूत्रीय मांग को लेकर पिछले 42 दिनों से जारी है।राजधानी रायपुर के बूढ़ा तालाब धरनास्थल पर नौकरी की मांग को लेकर महिलाओं ने महा कफन यात्रा निकाली।
इस दौरान महिलाएं सफेद कपड़े पहने हुई थीं और जिस तरह से लोग शवयात्रा में चलते हैं, उसी तरह से अर्थी लेकर चल रही थीं। उन्होंने काले रंग के घड़े में आग भी जलाकर रखी थी,
जिससे धुआं निकल रहा था।महिलाएं रघुपति राघव राजाराम भजन भी गाती हुई चल रही थीं। वे स्मार्ट सिटी की ओर बढ़ ही रही थीं कि पुलिस ने उन्हें वहां बैरिकेड लगाकर रोक दिया। इसके बाद वे बीच सड़क पर ही बैठ गईं और जोर-जोर से रोने लगीं।
वे बार-बार एक ही बात दोहरा रही थीं कि आज हम हमारे और अपने बच्चों के अरमानों का कफन लेकर निकले हैं। हम सरकार से गुहार लगाते हैं कि वे हमारी सुध लें, हमारी समस्या सुनें और हमें नौकरी दे।
इन महिलाओं का कहना है कि हम घर कैसे चलाएं। जिन शिक्षकों का संविलियन हुआ है, उनके परिवार को सरकार ने अनुकम्पा नियुक्ति दे दी, हमारे पति भी तो पढ़ाते थे,
तो फिर हमें क्यों परेशान किया जा रहा है, हमारी तकलीफ कोई नहीं समझ रहा। बता दें कि कुछ दिन पहले ये महिलाएं जल समाधि लेने के लिए बूढ़ा तालाब में कूदने की कोशिश कर रही थीं, जिसे पुलिस ने रोक दिया था।
अनुकंपा नियुक्ति शिक्षाकर्मी कल्याण संघ ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि मांग पूरी नहीं हुई तो विधानसभा के शीतकालीन सत्र में विधवा महिलाएं मुंडन करवाएंगी।
प्रदेशभर से पहुंची विधवा महिलाओं का कहना है कि पंचायत शिक्षकों की मौत के बाद परिवार के किसी भी सदस्य को अब तक अनुकंपा नियुक्ति नहीं मिली है।कोई तीन साल से तो कोई चार साल से भटक रहा है।