कांग्रेस के वरिष्ठ नेता केसी वेणुगोपाल ने सितंबर के अंत में कहा था कि ‘2-3 दिनों’ में सोनिया गांधी राजस्थान मुख्यमंत्री को लेकर फैसला लेंगी।
इस बात को करीब 2 महीने बीत चुके हैं और अब वह खुद राजस्थान पहुंचकर संकट सुलझाने की तैयारी कर रहे हैं।
खबरें यह भी हैं कि कांग्रेस मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से ‘गद्दार’ बयान को लेकर एक्शन भी ले सकती है।
यात्रा से पहले शांति
वेणुगोपाल मंगलवार को राजधानी जयपुर पहुंच रहे हैं। खबर है कि पार्टी ने ‘भारत जोड़ो’ यात्रा के राजस्थान पहुंचने से पहले शांति बनाने का जिम्मा उन्हें सौंपा है।
यात्रा 3 और 6 दिसंबर के बीच प्रदेश पहुंचेगी। हालांकि, वह खुद किसी भी तरह के विवाद से इनकार कर रहे हैं।
उन्होंने कहा था, ‘राजस्थान में कोई तनाव नहीं है। पार्टी भारत जोड़ो यात्रा के जरिए राजस्थान कांग्रेस की ताकत दिखाएगी।’
मीडिया रिपोर्ट्स में सूत्रों के हवाले से कहा जा रहा है कि राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा से चर्चा कर दिल्ली पहुंचे वेणुगोपाल राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से भी मिले थे। इसके बाद ही उनकी जयपुर यात्रा तय हुई थी।
वेणुगोपाल का क्या है जयपुर प्लान
खबरें हैं कि जयपुर यात्रा के दौरान वेणुगोपाल भारत जोड़ो यात्रा के लिए गठित समितियों के साथ बैठक कर सकते हैं।
खास बात है कि इन समितियों में गहलोत और पायलट दोनों ही शामिल हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार, सूत्रों का कहना है कि इस दौरान वेणुगोपाल दोनों नेताओं से अलग-अलग मिलकर भी मामला सुलझाने की कोशिश करेंगे।
गहलोत पर भी हो सकता है एक्शन
कहा जा रहा है कि ‘गद्दार’ बयान को लेकर पार्टी आलाकमान गहलोत से भी सफाई मांग सकती है। राजस्थान के तीन बार के मुख्यमंत्री ने पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट को गद्दार बता दिया था।
साथ ही उन्होंने पायलट पर साल 2020 में भारतीय जनता पार्टी के साथ मिलकर सरकार गिराने की कोशिश के आरोप लगाए थे।
पायलट हाईकमान के पास पहुंचे
एक रिपोर्ट के अनुसार, सूत्रों ने कहा कि गहलोत की तरफ से बयान दिए जाने के बाद ही पायलट ने खड़गे का रुख कर लिया था।
साथ ही यह भी खबर है कि वह इस मामले को लेकर राहुल के पास पहुंचे थे। गहलोत की तरफ से बयान दिए जाने के दौरान पूर्व उपमुख्यंत्री मध्य प्रदेश में भारत जोड़ो यात्रा में शामिल थे।
माकन को खोया
राजस्थान में विधायकों के खिलाफ कार्रवाई में देरी का खामियाजा कांग्रेस को प्रभारी के रूप में भुगतना पड़ा। हाल ही में कांग्रेस प्रभारी रहे अजय माकन ने इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने वजह इस मामले में देरी को बताया था।
एक इंटरव्यू के दौरान उन्होंने कहा था, ’29 सितंबर को वेणुगोपाल ने कहा था कि सोनिया गांधी दो दिनों के अंदर राजस्थान के मुख्यमंत्री को लेकर फैसला लेंगी। करीब दो महीने हो गए हैं, लेकिन कोई फैसला नहीं लिया गया है।’
यात्रा पर विरोध का साया
पायलट समर्थक कहे जाने वाले खिलाड़ी लाल बैरवा कह चुके हैं कि भारत जोड़ो यात्रा के राजस्थान पहुंचने से पहले आलाकमान को मुख्यमंत्री पर विधायकों के विचार जानने चाहिए।
साथ ही गुज्जर समुदाय के नेता विजय बैंसला भी पायलट को मुख्यमंत्री नहीं बनाए जाने की स्थिति में यात्रा के विरोध की धमकी दे चुके हैं।