शीतकालीन सत्र में राहुल, सोनिया गांधी की गैरमौजूदगी मल्लिकार्जुन खड़गे की चुनौती, क्या होगी कांग्रेस की रणनीति…

देश की सबसे पुरानी राष्ट्रीय पार्टी कांग्रेस के लिए संसद का शीतकालीन सत्र खास होने वाला है। दरअसल, इसकी कई वजह हैं।

सत्र में वायनाड सांसद राहुल गांधी शामिल नहीं होंगे। वहीं, खबरें हैं कि पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी भी पूरी तरह शामिल नहीं हो सकेंगी।

इसके अलावा पार्टी के नए कप्तान मल्लिकार्जुन खड़गे भी यहां दोहरी जिम्मेदारी निभाते हुए नजर आएंगे।

संसद का शीतकालीन सत्र सात दिसंबर से शुरू होगा और यह 29 दिसंबर को समाप्त होगा। लोकसभा और राज्य सभा ने अलग-अलग अधिसूचनाएं जारी करके तारीखें अधिसूचित कर दी हैं।

लोकसभा सचिवालय के बयान के अनुसार, 17वीं लोकसभा का दसवां सत्र सात दिसंबर से शुरू होगा और सरकारी कामकाज के अनुरूप यह 29 दिसंबर को समाप्त हो सकता है। 

कई बड़े नेता रहेंगे गायब
पार्टी के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया, ‘लंबे समय के बाद आगामी सत्र में राहुल सक्रिय भूमिका में नजर नहीं आएंगे।

इसी तरह हो सकता है कि कांग्रेस के संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी भी नए पार्टी अध्यक्ष के चुनाव के बाद रोज के काम में शामिल न हों।’

राहुल के साथ राज्यसभा में चीफ व्हिप जयराम रमेश और वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह भी लंबे समय तक गैर हाजिर रह सकते हैं।

दोनों ही नेता कांग्रेस की ‘भारत जोड़ो’ यात्रा में शामिल हैं। कहा जा रहा है कि इस दौरान खासतौर से रमेश के मौजूद नहीं होने से कांग्रेस को रणनीति तैयार करने में और जोर लगाना पड़ेगा।

नेता ने जानकारी दी, ‘आगामी सत्र में कांग्रेस के लिए राज्यसभा के नवनिर्वाचित नेता राजीव शुक्ला बैक रूम ब्वॉय के तौर पर अहम भूमिका निभाएंगे।’

एक अन्य नेता ने बताया कि लोकसभा में अधीर रंजन चौधरी, गौरव गोगोई, मनीष तिवारी और कोडिकुनील सुरेश अन्य दलों के साथ समन्वय बनाने वाली टीम का हिस्सा हो सकते हैं।

संभावनाएं जताई जा रही हैं कि भविष्य में खड़गे नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी हिंदी भाषी नेता को सौंप सकते हैं। फिलहाल, आगामी सत्र में वह ही इस भूमिका में नजर आएंगे।

राहुल, सोनिया का था बड़ा रोल
पार्टी के दोनों पूर्व अध्यक्ष राहुल और सोनिया संसदीय मोर्चे पर बड़ी भूमिका में नजर आते थे। बीते साल 3 अगस्त को राहुल ने सभी विपक्षी दलों के साथ नाश्ते पर बैठक की थी।

उनके इस काम को पूरे विपक्ष का चेहरा बनने के प्रयास के तौर पर देखा गया। इसके अलावा उन्होंने समान विचारधारा वाली दलों के साथ विपक्ष की रणनीतियों से जुड़ी बैठकें भी शुरू कर दी थी।

सोनिया भी कई बार दोनों सदनों के मुद्दों पर वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठक कर चुकी हैं।

14 दिसंबर 2021 को उन्होंने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी प्रमुख शरद पवार, डीएमके के टीआर बालू, शिवसेना नेता संजय राउत, वाम नेता सीताराम येचुरी और नेशनल कॉन्फ्रेंस के फारूक अब्दुल्ला के साथ मीटिंग की थी।

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