जगदलपुर : अंग प्रत्यारोपण शिविर में 90 के पैर व 35 के कृत्रिम हाथ लगाए गए…..

जगदलपुर : अंग प्रत्यारोपण शिविर में 90 के पैर व 35 के कृत्रिम हाथ लगाए गए

दिव्यांगों का आसान होगा जीवन, कृत्रिम हाथ-पैर से मोटरसाइकिल-कार चलाने से लेकर कर सकते हैं सभी काम

जगदलपुर। रोटरी क्लब जगदलपुर द्वारा नि:शुल्क कृत्रिम हाथ-पैर लगाए जाने के लिए पांच दिवसीय अंग प्रत्यारोपण शिविर का आयोजन किया गया।

शिविर के आखिरी दिन शनिवार तक लगभग 90 लोगों को पैर और 35 लोगों को कृत्रिम हाथ लगाए गए हैं। अमेरिका में बने इस कृत्रिम हाथ-पैर को रोटरी क्लब द्वारा मुफ्त में लगाया गया। कृत्रिम हाथ लगवाने के लिए छत्तीसगढ़ के अलावा मध्यप्रदेश से भी दिव्यांग यहां पहुंचे थे।

नक्सल प्रभावित दरभा ब्लाॅक के सुदूर गांव झोडियापदर निवासी लक्ष्मी कवासी कक्षा 06 वीं की छात्रा है। जन्मजात दोनों पैर से दिव्यांग होने के कारण आने-जाने से लेकर दूसरे काम करने को लेकर असहाय महसूस कर रही थी,

लेकिन अब कृत्रिम पैर लगने से खुश है। लक्ष्मी ने कहा कि कृत्रिम पैर लगने से मेरी जिंदगी आसान हो गई है। कोंडागांव से पहुंची कुमकुम साहु ने बताया कि दाया पैर में कैंसर होने के कारण घुटने के उपर तक कांटना पड़ा था।

इसके चलते आने-जाने के लिए दूसरों पर निर्भर रहती थी। कृत्रिम पैर लगने से अब मैं अपने काम को लेकर दूसरे लोगों पर निर्भर रहना नहीं पड़ेगा। अपनी पढ़ाई भी अच्छे से कर सकती हूं।

शिविर में पहुंचा बेमेतरा निवासी जलेश्वर ने बताया कि एक सड़क दुर्घटना में एक पैर गंवा दिया था। इसी प्रकार बस्तर के कचनार आमागुडा निवासी बलदेव भारती ने बताया

कि जेसीबी की चपेट में आने से एक पैर को कांटना पड़ा था। उन्होंने कहा कि अब हम लोग बिना किसी की मदद से खुद के काम कर सकेंगे। अपने कामों के लिए दूसरों पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा।

रोटरी क्लब के हनीफ बरबटीया ने बताया कि इन कृत्रिम हाथ-पैर की मदद से लिखने से लेकर मोटरसाइकिल चलाने और दूसरे काम भी कर सकते हैं।

मोटरसाइकिल कार या साइकिल चलाना, समान उठाना, पैर से आसानी से चलना आदि काम कर सकते हैं। हाथ-पैर लगाने के लिए किसी भी तरह का ऑपरेशन नहीं करना पड़ता है।

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