सैयद जावेद हुसैन (सह संपादकछत्तीसगढ़): धमतरी- राज्य के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने श्रमिकों की कार्य के दौरान होने वाली मृत्यु या विकलांगता को देखते हुए ऐसे मजदूरों को आर्थिक सहायता देने असंगठित कर्मकार मृत्यु एवं दिव्यांग योजना को साल 2019 में अधिक्रमित किया, जिसके तहत पंजीकृत श्रमिकों की मृत्यु होने पर 1 लाख व श्रमिकों के विकलांग होने पर 50 हजार की आर्थिक सहायता देने का प्रावधान है। इस योजना के नाम पर जिले में जमकर भ्रष्टाचार किया जा रहा है।
जिले की धमतरी विकासखंड से बहुत से ऐसे मामले सामने आए हैं जिनमे श्रमिकों की मृत्यु पश्चात उनके परिजनों ने योजना का लाभ लेने विभाग में आवेदन जमा किया, जिनका सत्यापन पश्चात भुगतान परिजनों के खाते में किया गया।
लेकिन भुगतान होने के तुरंत बाद विभाग के अधिकारियों व श्रम इंस्पेक्टरों द्वारा पाले हुए दलाल हितग्राहियों के पास पहुंचते हैं, और 30 से 35% की राशि योजना का लाभ दिलाने के एवज में ले रहे हैं।
ऐसे में हितग्राहियों को योजना का पूरा लाभ नहीं मिल पा रहा, और विभाग के अधिकारी कर्मचारी हर हितग्राही से मोटी रकम वसूल रहे।
ऐसे में राज्य शासन की इस महत्वपूर्ण योजना का लाभ धड़ल्ले से यहां के कुछ अधिकारी कर्मचारी व इंस्पेक्टर उठा रहे हैं।
अगर इस मामले में सूक्ष्मता से जांच की जाए तो कई चेहरे बेनकाब हो सकते हैं और हितग्राहियों को योजना का पूरा पूरा लाभ मिल सकता है।
श्रम विभाग से मिली जानकारी के अनुसार जिले में पंजीकृत श्रमिकों की कुल संख्या 190735 है, जिनमे असंगठित कर्मकार के श्रमिक 119721 व निर्माणाधीन श्रमिकों की संख्या 71014 है।
वहीं 504 पंजीकृत श्रमिकों की कार्य के दौरान मृत्यु हो चुकी है जिनके दस्तावेजों की जांच पश्चात उनके खातों में योजना के तहत सहायता राशि हस्तांतरित की जा चुकी है, वहीं विकलांगता का एक भी आवेदन विभाग में जमा नही किया गया है।
एक अन्य ताज़ा मामले के साथ हम इस भ्रष्टाचार का बहुत जल्द खुलासा करेंगे।