भारत ने गुरुवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा की बहस के दौरान कश्मीर का मुद्दा उठाने के लिए पाकिस्तान को फटकार लगाई और इसे उसका ‘झूठ फैलाने का हताश प्रयास’ बताया।
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी राजदूत प्रतीक माथुर ने कहा, ‘आज जब हम यूएनएससी सुधारों पर चर्चा करने के लिए मिल रहे हैं, तो पाकिस्तान के एक प्रतिनिधि ने फिर से जम्मू-कश्मीर का अनुचित संदर्भ दिया है।
जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न और अविभाज्य हिस्सा बना हुआ है, भले ही पाकिस्तान का प्रतिनिधि कुछ भी मानता हो।’
उन्होंने यह टिप्पणी संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) के दौरान संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को लेकर हुई बैठक के दौरान भारत के ‘जवाब देने के अधिकार’ में की।
भारतीय राजदूत प्रतीक माथुर ने कहा, ‘झूठ फैलाने की पाकिस्तान की बेताब कोशिशें और बहुपक्षीय वैश्विक मंचों की पवित्रता हनन करने की उसकी बुरी आदत की सामूहिक आलोचना होनी चाहिए और शायद वह सहानुभूति का भी पात्र है।’
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में संयुक्त राष्ट्र महासभा की एक महत्वपूर्ण बैठक के दौरान पाकिस्तान के झूठे दावों पर भारत की ओर से यह करारी प्रतिक्रिया आई।
इससे पहले, संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थायी प्रतिनिधि, राजदूत रुचिरा कंबोज ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के समान प्रतिनिधित्व पर UNGA में G4 वक्तव्य दिया। आपको बता दें कि G4 का मतलब भारत, ब्राजील, जर्मनी और जापान के समूह से है।
इससे पहले संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थायी प्रतिनिधि, राजदूत रुचिरा कंबोज ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के समान प्रतिनिधित्व पर यूएनजीए में जी4 देशों की ओर से वक्तव्य दिया।
कंबोज ने गुरुवार को ट्वीट किया कि आज मैंने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के समान प्रतिनिधित्व पर यूएनजीए में जी4 का बयान दिया।
इसमें उन्होंने कहा कि लंबे समय तक सुधार रुका हुआ है, प्रतिनिधित्व में कमी अधिक है जो सुरक्षा परिषद की वैधता और प्रभावशीलता के लिए एक अपरिहार्य और पहले से तय शर्त है।
जी4 देशों- ब्राजील, जर्मनी, जापान और भारत की ओर से बोलते हुए उन्होंने कहा कि सुरक्षा परिषद में सुधार जितने अधिक समय तक रुका रहेगा, प्रतिनिधित्व में इसका घाटा उतना ही अधिक होगा।
प्रतिनिधित्व इसकी वैधता और प्रभावशीलता के लिए पहले से तय एक अपरिहार्य शर्त है।
भारत की स्थायी प्रतिनिधि ने जोर देकर कहा कि सुरक्षा परिषद को संपूर्ण सदस्यता की ओर से कार्य करने के लिए अपने चार्टर को उत्तरदायित्व के अनुरूप लाने का सही समय है।
उन्होंने कहा कि दोनों श्रेणियों में सदस्यता बढ़ाए बिना इसे हासिल नहीं किया जा सकता है। केवल यही परिषद आज के वैश्विक संघर्षों और तेजी से जटिल और आपस में जुड़ी वैश्विक चुनौतियों का प्रभावी ढंग से प्रबंधन करने में सक्षम होगी।