प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने आज बिहार के समस्तीपुर जिले के वीडियो राय और उनके परिवार के सदस्यों के विरुद्ध बड़ी कारवाई की है।
ईडी ने वीडियो राय और उनके परिवार के सदस्यों से जुड़े 3 करोड़ 51 लाख 14 हजार रुपए मूल्य की 8 अचल संपत्तियां कुर्क कर ली हैं।
जब्त संपत्ति समस्तीपुर जिले में है। यह कारवाई धन शोधन PMLA 2002 के तहत की गई है।
ईडी के मुताबिक, यह कार्रवाई पटना की आर्थिक अपराध इकाई से प्राप्त कई FIR के आधार पर 22 फरवरी को ईसीआईआर दर्ज करके PMLA 2002 के तहत की गई है।
बताया जाता है कि आर्थिक अपराध ईकाई से मिले इनपुट के आधार पर ईडी ने वीडियो राय और अन्य के खिलाफ धारा 120 बी (आपराधिक साजिश), 414 (चोरी की संपत्ति को छिपाने में सहायता करना), 420 (धोखाधड़ी और बेईमानी से संपत्ति की डिलीवरी के लिए प्रेरित करना) 467 मूल्यवान सुरक्षा/वसीयत की जालसाजी और आईपीसी की धारा 471 (जाली दस्तावेजों का उपयोग करना) 1860 और धारा 25 (1-बी) ए और धारा 25 आर्म्स एक्ट 1959 के तहत जांच शुरू की थी।
जांच के दौरान मिले साक्ष्य और तथ्य के आधार पर वीडियो राय और उनके परिजनों के विरुद्ध 3 प्राथमिकी दर्ज की गई हैं।
यह भी आरोप लगाया गया था कि वीडियो राय ने अवैध शराब की खरीद-बिक्री और अन्य आपराधिक गतिविधियों से बड़ी अचल संपत्ति अर्जित की हैं।
साथ ही ED की जांच से पता चला कि वीडियो राय अपराध से हासिल आय को जमा करने के लिए अपने परिवार के सदस्यों के साथ साथ दूर के रिश्तेदारों के विभिन्न बैंक खातों का उपयोग कर रहे थे।
अपराध की आय को छिपाने के प्रयास में उसे और उसके परिवार के सदस्यों को उधार के पैसे की आड़ में बैंक खातों में भारी धन प्राप्त हुआ।
इसके अलावा वह अपनी अवैध आय को असली के रूप में छिपाने के प्रयास में अपने और अपने परिवार के सदस्यों के नाम पर मनगढ़ंत आईटीआर दाखिल करने में भी शामिल था।
जांच से यह भी पता चला कि अपराध की आय को छिपाने के प्रयास में उसने अचल संपत्तियों भूमि को तीसरे पक्ष के नाम पर स्थानांतरित कर दिया और बिक्री विलेख निष्पादित किया गया था और इसके एवज में भुगतान लंबित रखा गया, जिससे वह तथा उससे जुड़े लोगों की संपति कानून की नजर से बची रहे।
प्रवर्तन निदेशालय ने अब तक की जांच के आधार पर समस्तीपुर बिहार स्थित 8 अचल संपत्तियों की पहचान वीडियो राय और उनके परिवार के सदस्यों के नाम से की, जिनकी कीमत 3151 करोड़ रुपए है और इसे धन शोधन निवारण अधिनियम, 2002 के प्रावधान के तहत संलग्न किया गया है, मामले में आगे की जांच जारी है।